डा. बलराम द्वारा संपादित विश्व लघुकथा कोश के आठ खंडों में से दूसरे खंड से NIOS पाठ्यक्रम के लिए चयनित तीन लघुकथाएँ अन्य भारतीय भाषाओं से हिंदी में अनुवादित की गई है। पहली तमिल लघुकथा ’’कवि और लोहार‘‘, दूसरी लघुकथा ’’क्या नहीं कर सकता‘‘ मणिपुरी तथा तीसरी लघुकथा ’’सड़क का आदमी‘‘ बांग्ला भाषा से हिन्दी में अनूदित की गयी है। आइये पढ़ते हैं:
Source:
http://visionpointnios.co.in/courses/301/33.pdf
Source:
http://visionpointnios.co.in/courses/301/33.pdf
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (15-03-2019) को दोहे "होता है अनुमान" (चर्चा अंक-3275) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत-बहुत आभार आदरणीय
हटाएंसूचना को थोड़ा-सा संपादित कर लें। बलराम द्वारा संपादित 'विश्व लघुकथा कोश' चार खण्डों में संपादित है, आठ में नहीं।
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