Bhaskar News Network: Apr 29, 2019
शुभ संकल्प समूह द्वारा रविवार 28 अप्रेल को लघुकथा संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें 22 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। यहां लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इसमें 3 मिनट के अंदर वक्ताओं को अपनी रचना प्रस्तुत करनी थी। इसमें पहला पुरस्कार इंदौर की डॉ. स्वाति सिंह, दूसरा शाहिस्ता खान और तीसरा भोपाल की नम्रता शरण सोना को दिया गया। साथ ही आरती शर्मा ने वर्तमान राजनीति को लेकर कथा और साहित्यकारों ने कहानियों का पाठ किया।
मुख्य अतिथि कांता रॉय ने कहा कि आजकल लघुकथाओं को लेकर काफी सरगर्मी चल रही है और लघुकथा के शोध में इस बात का महत्व रखा जाता है कि कथानक क्या है। इसके लिए कथाकारों को आमंत्रित किया गया। अनुपमा श्रीवास्तव ने कहा कि इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के दाैर में हम नई-नई विधाओं का जहां प्रयोग कर रहे हैं, वहां प्रगति का एक रास्ता खुलता है। लघुकथा छोटे कलेवर में बड़ी बात है। लघुकथाएं ऐसे सम-सामयिक विषय, मुद्दों और कथ्य को शामिल करके लिखना चाहिए, जिससे समाज को नई दिशा, दशा और सकारात्मक दृष्टि मिले। महिलाओं को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वाति सिंह और नम्रता शरण सोना ने किया। वहीं अतिथि के रूप में डॉ. प्रीति खरे सहित अन्य साहित्यकार मौजूद रहीं।
Source:
https://www.bhaskar.com/mp/bhopal/news/mp-news-include-topical-issues-in-short-stories-anupama-it-gets-a-new-direction-and-positive-attitude-of-society-062116-4447028.html
शुभ संकल्प समूह द्वारा रविवार 28 अप्रेल को लघुकथा संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें 22 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। यहां लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इसमें 3 मिनट के अंदर वक्ताओं को अपनी रचना प्रस्तुत करनी थी। इसमें पहला पुरस्कार इंदौर की डॉ. स्वाति सिंह, दूसरा शाहिस्ता खान और तीसरा भोपाल की नम्रता शरण सोना को दिया गया। साथ ही आरती शर्मा ने वर्तमान राजनीति को लेकर कथा और साहित्यकारों ने कहानियों का पाठ किया।
मुख्य अतिथि कांता रॉय ने कहा कि आजकल लघुकथाओं को लेकर काफी सरगर्मी चल रही है और लघुकथा के शोध में इस बात का महत्व रखा जाता है कि कथानक क्या है। इसके लिए कथाकारों को आमंत्रित किया गया। अनुपमा श्रीवास्तव ने कहा कि इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के दाैर में हम नई-नई विधाओं का जहां प्रयोग कर रहे हैं, वहां प्रगति का एक रास्ता खुलता है। लघुकथा छोटे कलेवर में बड़ी बात है। लघुकथाएं ऐसे सम-सामयिक विषय, मुद्दों और कथ्य को शामिल करके लिखना चाहिए, जिससे समाज को नई दिशा, दशा और सकारात्मक दृष्टि मिले। महिलाओं को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वाति सिंह और नम्रता शरण सोना ने किया। वहीं अतिथि के रूप में डॉ. प्रीति खरे सहित अन्य साहित्यकार मौजूद रहीं।
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https://www.bhaskar.com/mp/bhopal/news/mp-news-include-topical-issues-in-short-stories-anupama-it-gets-a-new-direction-and-positive-attitude-of-society-062116-4447028.html