ये कुछ नियम लघुकथा लेखन में उपयोगी हैं। हालांकि, अन्य विधा के लेखक भी इन्हें अपना सकते हैं।
1. प्रतिदिन कुछ न कुछ ज़रूर लिखें, चाहे कम या ज़्यादा।
2. हम लोग लघुकथा को सबसे पहले अपने मस्तिष्क में तैयार करते हैं, साथियों, उसे मस्तिष्क से बाहर लिखना प्रारम्भ करने के लिए इतना इंतजार न करें कि वह आपके मस्तिष्क में ही बासी हो जाए। अर्थात सोचें ज़रूर लेकिन अत्यधिक सोचने में समय बर्बाद न करें।
3. पात्रों के निर्माण में पर्याप्त समय दें।
4. भाषा और शब्दावली को निरंतर बेहतर करते रहें।
5. व्याकरण के ऑनलाइन/ऑफलाइन टूल्स पर अधिक विश्वास न करें।
6. अपने दृष्टिकोण और नए विषयों की समझ को व्यापक बनाने और लघुकथा की संरचना को समझने के लिए निरंतर पढ़ते रहें।
7. यह भी ध्यान रखें कि सबसे पहला ड्राफ्ट ही सबसे बड़ी चुनौती है।
8. कोई भी बेहतरीन किताब बिना मेहनत के कभी नहीं लिखी गई।
9. यह एक ऐसा नियम है जिस पर आपको सबसे अधिक विश्वास रखना चाहिए, वह यह है कि कोई भी नियम आपके रचनाकर्म से उपर नहीं है। नए प्रयोग होते हैं, असफलता की परवाह किए बिना करते रहिये.