फेसबुक समूह साहित्य संवेद की एडमिन "दिव्या राकेश शर्मा" जी की फेसबुक पोस्ट
नमस्कार साथियों,
आपका अपना समूह #साहित्य_संवेद साहित्यिक आयोजन के प्रति सतत कटिबद्ध है। इसी कड़ी को आगे बढाते हुए एक लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन सुनिश्चित हुआ है जो कि आम लघुकथा प्रतियोगिताओं से भिन्न है । इसमें प्रतिभागियों को अपनी रचना न भेजकर किसी अन्य लेखक की लघुकथा विस्तृत टिप्पणी के साथ साझा करनी है। प्रतियोगिता को सुचारू बनाने हेतु कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए दिये गए नियमों का पालन करें।
प्रतियोगिता के नियम इस प्रकार हैं:
1. लघुकथा किसी भी अन्य लघुकथाकार की हो सकती है। ऐसी लघुकथा का चयन हो जो सामान्य से भिन्न हो। कथानक, कथ्य, शिल्प के स्तर पर भीड़ से अलग नज़र आती हो। चयन को प्रतिभागी के अध्ययन और समझ का प्रतिरूप समझा जा सकता है।
2. एक प्रतिभागी अधिकतम दो(एक/दो) प्रविष्टि प्रतियोगिता में भेज सकते हैं।
3.लघुकथा पर अपनी टिप्पणी न्यूनतम 200(अधिकतम की कोई सीमा नहीं है) शब्दों में दें।
कथा के सकारात्मक पक्षों के अतिरिक्त त्रुटियों और आलोचनात्मक पक्षों पर भी प्रतिभागियों की नज़र जाय, यह अपेक्षा जरूर है। केवल प्रशंसा हेतु यह प्रतियोगिता कतई नहीं है। केवल कथा की कमियों और त्रुटियों पर भी केंद्रित रहना उचित नहीं है।
4. भाषायी शुद्धता का ध्यान रखें। रचना भेजने से पहले अशुद्धियों को ठीक कर लें। पोस्ट करने के बाद संपादित (एडिट) करना अमान्य होगा।
5. कृपया रचना के शीर्ष में #साहित्य_संवेद_लघुकथा_प्रतियोगिता_फरवरी_2020 अवश्य अंकित करें।
6. रचनाएं भेजने का समय 27 फरवरी 2020 सुबह 7 बजे से 28 फरवरी रात 11 बजे तक रहेगा।
प्रथम तीन प्रविष्टियों को पुरस्कार स्वरूप पुस्तक प्रदान की जाएगी।
* प्रथम पुरस्कार - मुट्ठी भर अक्षर (नीलिमा शर्मा नीविया और विवेक कुमार संपादित साझा संकलन )
*द्वितीय पुरस्कार - अनुत्तरित प्रश्न ( नीरज सरस जैन, रूपल उपाध्याय)
*तृतीय पुरस्कार - कही-अनकही लघुकथाएं (संजय पठाड़े 'शेष')
आप सबसे विनम्र निवेदन है कि अपने साथियों की प्रविष्टियों पर अपनी बहुमूल्य टिप्पणी भी जरूर दें। एडमिनगण इस प्रतियोगिता से दूर रहेंगे।
■यह प्रतियोगिता सामान्य से अलग है तो वरिष्ठजनों से भी भागीदारी की स्वाभविक अपेक्षा रहेगी।
■■अगर कोई लेखक चाहते हैं कि उनकी रचनाओं पर कोई आलोचनात्मक टिप्पणी न दें तो कमेंट बॉक्स में अथवा इनबॉक्स में सूचित कर सकते हैं।
साहित्य संवेद
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Source:
https://www.facebook.com/sharma.divya.332/posts/953652135031238
नमस्कार साथियों,
आपका अपना समूह #साहित्य_संवेद साहित्यिक आयोजन के प्रति सतत कटिबद्ध है। इसी कड़ी को आगे बढाते हुए एक लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन सुनिश्चित हुआ है जो कि आम लघुकथा प्रतियोगिताओं से भिन्न है । इसमें प्रतिभागियों को अपनी रचना न भेजकर किसी अन्य लेखक की लघुकथा विस्तृत टिप्पणी के साथ साझा करनी है। प्रतियोगिता को सुचारू बनाने हेतु कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए दिये गए नियमों का पालन करें।
प्रतियोगिता के नियम इस प्रकार हैं:
1. लघुकथा किसी भी अन्य लघुकथाकार की हो सकती है। ऐसी लघुकथा का चयन हो जो सामान्य से भिन्न हो। कथानक, कथ्य, शिल्प के स्तर पर भीड़ से अलग नज़र आती हो। चयन को प्रतिभागी के अध्ययन और समझ का प्रतिरूप समझा जा सकता है।
2. एक प्रतिभागी अधिकतम दो(एक/दो) प्रविष्टि प्रतियोगिता में भेज सकते हैं।
3.लघुकथा पर अपनी टिप्पणी न्यूनतम 200(अधिकतम की कोई सीमा नहीं है) शब्दों में दें।
कथा के सकारात्मक पक्षों के अतिरिक्त त्रुटियों और आलोचनात्मक पक्षों पर भी प्रतिभागियों की नज़र जाय, यह अपेक्षा जरूर है। केवल प्रशंसा हेतु यह प्रतियोगिता कतई नहीं है। केवल कथा की कमियों और त्रुटियों पर भी केंद्रित रहना उचित नहीं है।
4. भाषायी शुद्धता का ध्यान रखें। रचना भेजने से पहले अशुद्धियों को ठीक कर लें। पोस्ट करने के बाद संपादित (एडिट) करना अमान्य होगा।
5. कृपया रचना के शीर्ष में #साहित्य_संवेद_लघुकथा_प्रतियोगिता_फरवरी_2020 अवश्य अंकित करें।
6. रचनाएं भेजने का समय 27 फरवरी 2020 सुबह 7 बजे से 28 फरवरी रात 11 बजे तक रहेगा।
प्रथम तीन प्रविष्टियों को पुरस्कार स्वरूप पुस्तक प्रदान की जाएगी।
* प्रथम पुरस्कार - मुट्ठी भर अक्षर (नीलिमा शर्मा नीविया और विवेक कुमार संपादित साझा संकलन )
*द्वितीय पुरस्कार - अनुत्तरित प्रश्न ( नीरज सरस जैन, रूपल उपाध्याय)
*तृतीय पुरस्कार - कही-अनकही लघुकथाएं (संजय पठाड़े 'शेष')
आप सबसे विनम्र निवेदन है कि अपने साथियों की प्रविष्टियों पर अपनी बहुमूल्य टिप्पणी भी जरूर दें। एडमिनगण इस प्रतियोगिता से दूर रहेंगे।
■यह प्रतियोगिता सामान्य से अलग है तो वरिष्ठजनों से भी भागीदारी की स्वाभविक अपेक्षा रहेगी।
■■अगर कोई लेखक चाहते हैं कि उनकी रचनाओं पर कोई आलोचनात्मक टिप्पणी न दें तो कमेंट बॉक्स में अथवा इनबॉक्स में सूचित कर सकते हैं।
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