यह ब्लॉग खोजें
लघुकथा गोष्ठी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
लघुकथा गोष्ठी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गुरुवार, 30 अप्रैल 2020
गुरुवार, 2 अप्रैल 2020
सोमवार, 18 फ़रवरी 2019
लघुकथा समाचार: साहित्य सभा कैथल एवं हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा मंच की कैथल इकाई के संयुक्त तत्वावधान में लघुकथा गोष्ठी
Dainik Bhaskar | Feb 18, 2019
आरकेएसडी कॉलेज शिक्षण महाविद्यालय में आज साहित्य सभा कैथल एवं हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा मंच की कैथल इकाई के संयुक्त तत्वावधान में एक कविता एवं लघुकथा गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें सिरसा से पधारे साहित्यकार रूप देवगुण ने बतौर मुख्य अतिथि, कुरुक्षेत्र से पधारे साहित्यकार रामकुमार अत्रे ने अध्यक्ष रूप में एवं डॉ कमलेश संधू ने विशिष्ट अतिथि की भूमिका निभाई। गोष्ठी का संचालन रिसाल जांगड़ा एवं डॉ प्रदुम्न भल्ला ने संयुक्त रूप से किया। साहित्य की सशक्त विधा लघुकथा एवं कविता को समर्पित इस गोष्ठी में 12 लघुकथा लेखकों ने अपनी लघुकथाओं का पाठ किया। जिन पर वरिष्ठ समीक्षक रूप देवगुण, रामकुमार आत्रेय, अमृत लाल मदान ने संक्षिप्त टिप्पणियां की। इनके अतिरिक्त रूप देवगुण की दो पुस्तकों का विमोचन भी हुआ। जिसमें एक पुस्तक उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित, रूप देवगुण को जैसा हमने जाना एवं दूसरी पुस्तक हरियाणा की प्रतिनिधि लघु कविता, संपादन रूप देवगुण शामिल थी। काव्य गोष्ठी का आरंभ राजेश भारती की कविता मां जादूगर से हुआ। रामफल गौड़ ने अपनी पंक्तियों के माध्यम से सबका ध्यान खींचा, चाल है हर दम नारी, फिर भी जीना से लाचारी जीना से लाचारी। शमशेर कैंदल ने कहा, राजनीति विकराल हो गई, जोड़-तोड़ का जंजाल हो गई। गुहला से पधारे चेतन चौहान ने कहा हमको यही सिला मिला है बातचीत का, ताबूत फिर आ गया है घर पे मीत का। डा. प्रदुम्न भल्ला ने कहा नहीं भूलती हैं तुम्हारी वफाएं, बख्शी हैं तुमने हमारी खताएं। रामकुमार अत्रे के शब्द कुछ यूं रहे, लड़कियां अंधेरे तहखानों में खुलती खिड़कियां होती हैं। डा. कमलेश संधू ने कहा सरहदों की आंधी, चिरागों को बुझा रही है।
News Source:
https://www.bhaskar.com/harayana/kaithal/news/haryana-news-39we-have-got-this-bag-the-coffin-of-the-conversation-has-come-again39-024053-3928610.html
आरकेएसडी कॉलेज शिक्षण महाविद्यालय में आज साहित्य सभा कैथल एवं हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा मंच की कैथल इकाई के संयुक्त तत्वावधान में एक कविता एवं लघुकथा गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें सिरसा से पधारे साहित्यकार रूप देवगुण ने बतौर मुख्य अतिथि, कुरुक्षेत्र से पधारे साहित्यकार रामकुमार अत्रे ने अध्यक्ष रूप में एवं डॉ कमलेश संधू ने विशिष्ट अतिथि की भूमिका निभाई। गोष्ठी का संचालन रिसाल जांगड़ा एवं डॉ प्रदुम्न भल्ला ने संयुक्त रूप से किया। साहित्य की सशक्त विधा लघुकथा एवं कविता को समर्पित इस गोष्ठी में 12 लघुकथा लेखकों ने अपनी लघुकथाओं का पाठ किया। जिन पर वरिष्ठ समीक्षक रूप देवगुण, रामकुमार आत्रेय, अमृत लाल मदान ने संक्षिप्त टिप्पणियां की। इनके अतिरिक्त रूप देवगुण की दो पुस्तकों का विमोचन भी हुआ। जिसमें एक पुस्तक उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित, रूप देवगुण को जैसा हमने जाना एवं दूसरी पुस्तक हरियाणा की प्रतिनिधि लघु कविता, संपादन रूप देवगुण शामिल थी। काव्य गोष्ठी का आरंभ राजेश भारती की कविता मां जादूगर से हुआ। रामफल गौड़ ने अपनी पंक्तियों के माध्यम से सबका ध्यान खींचा, चाल है हर दम नारी, फिर भी जीना से लाचारी जीना से लाचारी। शमशेर कैंदल ने कहा, राजनीति विकराल हो गई, जोड़-तोड़ का जंजाल हो गई। गुहला से पधारे चेतन चौहान ने कहा हमको यही सिला मिला है बातचीत का, ताबूत फिर आ गया है घर पे मीत का। डा. प्रदुम्न भल्ला ने कहा नहीं भूलती हैं तुम्हारी वफाएं, बख्शी हैं तुमने हमारी खताएं। रामकुमार अत्रे के शब्द कुछ यूं रहे, लड़कियां अंधेरे तहखानों में खुलती खिड़कियां होती हैं। डा. कमलेश संधू ने कहा सरहदों की आंधी, चिरागों को बुझा रही है।
News Source:
https://www.bhaskar.com/harayana/kaithal/news/haryana-news-39we-have-got-this-bag-the-coffin-of-the-conversation-has-come-again39-024053-3928610.html
रविवार, 3 फ़रवरी 2019
लघुकथा समाचार: सरल काव्यांजलि की इंदौर में गोष्ठी आयोजित
उज्जैन 2 फरवरी 2019
संस्था सरल काव्यांजलि द्वारा एक साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन इंदौर में किया गया। अध्यक्षता साहित्यकार श्री पुरुषोत्तम दुबे ने की।
अतिथि उपन्यासकार अश्विनी कुमार दुबे थे। कार्यक्रम में सतीश राठी द्वारा परिवर्तन एवं ठोकर नाम की लघुकथाएं प्रस्तुत की गईं। राम मूरत राही ने भूमि एवं तरक्की लघुकथाएं, संतोष सुपेकर द्वारा लघुकथा नया नारा,दीपक गिरकर ने तफ्तीश जारी ह नामक लघुकथा प्रस्तुत किया।
अशोक शर्मा भारती ने कविता आकलन एवं मार्मिक कविता बसंत प्रस्तुत की। अश्विनी कुमार दुबे ने अपनी व्यंग्य रचना शैतान के दिलचस्प कारनामे प्रस्तुत की। संचालन सतीश राठी ने किया। आभार संतोष सुपेकर ने माना।
News Source:
http://avnews.in/%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%9C%E0%A4%B2%E0%A4%BF-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8C%E0%A4%B0-%E0%A4%AE/
गुरुवार, 31 जनवरी 2019
लघुकथा शोध केंद्र भोपाल की गोष्ठी
PRIME TIME | BHOPAL : लघुकथा शोध केंद्र भोपाल की गोष्ठी | #ANAADI #TV
सोमवार, 8 अक्टूबर 2018
लघुकथा समाचार
प्रज्ञा साहित्यिक मंच ने की लघुकथा गोष्ठी
Danik Jagran | Rohtak | 08 Oct 2018
प्रज्ञा साहित्यिक मंच और हरियाणा प्रदेश लघुकथा मंच ने सोमवार को शहीद दीपक शर्मा पार्क स्थित सार्वजनिक पुस्तकालय में संयुक्त रूप से लघुकथा गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में प्रो. श्यामलाल कौशल के काव्य संकलन ए ¨जदगी का लोकार्पण हुआ। इस मौके पर डा. मधुकांत ने बताया कि काव्य संकलन में आम आदमी के जीवन से रूबरू कराती कविताएं हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा स्टडी सेंटर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की निदेशिका डा. अंजना गर्ग ने की व मंच संचालन वंदना ने किया। इस मौके पर पवन मित्तल ने लघुकथा कीमत, रामकिशन राठी ने कविता, राजगुरू ने एक बेटी का पिता, विजय ने कल्पना, विजय लक्ष्मी ने अंतरद्वंद्व, डा. मधुकांत ने हिस्से का टूक, डा. अंजना शर्मा ने अनाथ आश्रम, स्नेहा बंसल ने पति परमेश्वर, शाम लाल कौशल ने सभ्य आदमी, स्पनिल ने रक्तदान, डा. रमाकांत ने हीरा, आशा अत्री ने विस्फोट आदि रचनाएं पढ़ी। इसके अतिरिक्त वंदना मलिक, राजल गुप्ता, कविल कौशिक, जेपी गौड़ ने भी अपनी रचनाओं का पाठ किया।
News Source:
https://www.jagran.com/haryana/rohtak-pradnya-literary-platform-short-story-geshthi-18514902.html
Danik Jagran | Rohtak | 08 Oct 2018
प्रज्ञा साहित्यिक मंच और हरियाणा प्रदेश लघुकथा मंच ने सोमवार को शहीद दीपक शर्मा पार्क स्थित सार्वजनिक पुस्तकालय में संयुक्त रूप से लघुकथा गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में प्रो. श्यामलाल कौशल के काव्य संकलन ए ¨जदगी का लोकार्पण हुआ। इस मौके पर डा. मधुकांत ने बताया कि काव्य संकलन में आम आदमी के जीवन से रूबरू कराती कविताएं हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा स्टडी सेंटर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की निदेशिका डा. अंजना गर्ग ने की व मंच संचालन वंदना ने किया। इस मौके पर पवन मित्तल ने लघुकथा कीमत, रामकिशन राठी ने कविता, राजगुरू ने एक बेटी का पिता, विजय ने कल्पना, विजय लक्ष्मी ने अंतरद्वंद्व, डा. मधुकांत ने हिस्से का टूक, डा. अंजना शर्मा ने अनाथ आश्रम, स्नेहा बंसल ने पति परमेश्वर, शाम लाल कौशल ने सभ्य आदमी, स्पनिल ने रक्तदान, डा. रमाकांत ने हीरा, आशा अत्री ने विस्फोट आदि रचनाएं पढ़ी। इसके अतिरिक्त वंदना मलिक, राजल गुप्ता, कविल कौशिक, जेपी गौड़ ने भी अपनी रचनाओं का पाठ किया।
News Source:
https://www.jagran.com/haryana/rohtak-pradnya-literary-platform-short-story-geshthi-18514902.html
सदस्यता लें
संदेश (Atom)