देखत तौ छोटे लगें घाव करें गंभीर' जैसे दोहे से लघुकथा को आंका
Dainik Bhaskar: Nov 12, 2018, New Delhi
विश्व मैत्री मंच द्वारा प्रकाशित लघुकथा संकलन 'सीप में समुद्र' किताब का लोकार्पण हिन्दी भवन के महादेवी वर्मा कक्ष में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी के निदेशक उमेश कुमार सिंह थे। राष्ट्र भाषा प्रचार प्रसार समिति के संयोजक कैलाश चन्द्र पंत की अध्यक्षता में वरिष्ठ समीक्षक युगेश शर्मा और घनश्याम मैथिल ने पुस्तक पर विमर्श किया। इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष और संग्रह के संपादक संतोष श्रीवास्तव ने संपादन के अनुभव साझा किए।
दूसरे सत्र में हुआ गीत, गजल
डॉ. उमेश कुमार सिंह ने लघुकथा पर अपना दृष्टिकोण रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कैलाशचंद पंत ने लघुकथा की विसंगतियों और साहित्यिक परिदृश्य में प्राचीन साहित्य और संस्कृति की चर्चा करते हुए सतसैया के दोहरे, अरु नावुक के तीरु, देखत तौ छोटे लगें घाव करें गंभीर जैसे लोकप्रिय दोहे से लघुकथा को आंका। दूसरे सत्र में गीत गजल संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें शहर के नामचीन शायरों ने शिरकत की।
News Source:
https://www.bhaskar.com/mp/bhopal/news/quotwatching-tau-tau-chong-chahta-chahra-chakte-sache-srilquot-such-as-judging-the-short-story-043059-3173314.html
Dainik Bhaskar: Nov 12, 2018, New Delhi
विश्व मैत्री मंच द्वारा प्रकाशित लघुकथा संकलन 'सीप में समुद्र' किताब का लोकार्पण हिन्दी भवन के महादेवी वर्मा कक्ष में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी के निदेशक उमेश कुमार सिंह थे। राष्ट्र भाषा प्रचार प्रसार समिति के संयोजक कैलाश चन्द्र पंत की अध्यक्षता में वरिष्ठ समीक्षक युगेश शर्मा और घनश्याम मैथिल ने पुस्तक पर विमर्श किया। इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष और संग्रह के संपादक संतोष श्रीवास्तव ने संपादन के अनुभव साझा किए।
दूसरे सत्र में हुआ गीत, गजल
डॉ. उमेश कुमार सिंह ने लघुकथा पर अपना दृष्टिकोण रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कैलाशचंद पंत ने लघुकथा की विसंगतियों और साहित्यिक परिदृश्य में प्राचीन साहित्य और संस्कृति की चर्चा करते हुए सतसैया के दोहरे, अरु नावुक के तीरु, देखत तौ छोटे लगें घाव करें गंभीर जैसे लोकप्रिय दोहे से लघुकथा को आंका। दूसरे सत्र में गीत गजल संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें शहर के नामचीन शायरों ने शिरकत की।
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https://www.bhaskar.com/mp/bhopal/news/quotwatching-tau-tau-chong-chahta-chahra-chakte-sache-srilquot-such-as-judging-the-short-story-043059-3173314.html