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गुरुवार, 24 अक्तूबर 2019

सांझा लघुकथा संकलन योजना : इक्कीसवीं सदी के प्रतिनिधि लघुकथाकार

(Mrinal Ashutosh) मृणाल आशुतोष जी की फेसबुक पोस्ट 

सभी लघुकथाकार मित्र ध्यान दें।
#ink की एक और पहल -
शीर्षक : इक्कीसवीं सदी के प्रतिनिधि लघुकथाकार
संपादक : श्री अश्विनी कुमार आलोक  Ashwini Kumar Alok (प्रतिष्ठित लघुकथाकार व संपादक)
देश के सक्रिय एवं शीर्षस्थ लघुकथाकारों से दो वैसी लघुकथाएँ आमंत्रित हैं , जिनके दम पर वे इक्कीसवीं सदी के लघुकथा - लेखन में अपने को मजबूत और उल्लेखनीय समझ रहे हों। कोशिश हो कि सकारात्मक और समाजहित के विषय उठाये जायें। परंतु लघुकथाएँ पुरातन बोधकथाएँ अर्थात् पारंपरिक दृष्टांत मात्र बनकर न रह जायें , उनमें आधुनिक लेखन - शिल्प का उचित समावेश हुआ हो।यह साझा संकलन लघुकथा - लेखन के समकालीन एवं ज्वलंत विषयों को प्रशस्त करने एवं लघुकथा विधा की उपयोगिता व्यक्त करने का महत्त्वाकांक्षी आयोजन है।लघुकथाकार सिर्फ दो चयनित लघुकथाएँ भेजें और उन दोनों लघुकथाओं से संबंधित एक पृष्ठ की रचना - प्रक्रिया भी; ताकि पाठक वैसी परिस्थितियों से जुड़कर लघुकथाएँ पढ़ें कि जिन्होंने लेखक को अभिव्यक्ति के लिए उद्वेलित किया हो।
लघुकथाओं के साथ अपना संक्षिप्त परिचय और फोटोग्राफ ( सिर्फ डिजिटल)भेजें। चयनित लघुकथाकारों की सूची सिर्फ फेसबुक पर जारी की जायेगी। लघुकथाओं में संपादकीय संशोधन हो सकता है। आवश्यक हुआ तो संपादक लेखकों से फोन संपर्क कर सकते हैं।
रचनाएँ ईमेल से यहाँ भेजें :
ashwinikumaralok@gmail.com
संपादक से इस नं. पर बात हो सकती है :8789335785

Source Post of Facebook:

बुधवार, 24 अप्रैल 2019

लघुकथा संकलन: लोकतंत्र का चुनाव | बीजेन्द्र जैमिनी



श्री बीजेन्द्र जैमिनी द्वारा लोकतन्त्र का चुनाव शीर्षक से उनके ब्लॉग पर एक लघुकथा संकलन प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक कुल 61 रचनाएँ चयनित कर प्रकाशित की जा चुकी हैं।





सम्पादकीय

विश्व में लोकतंत्र का अपना महत्व है । जो समय समय पर परिवर्तनशील होता है । भारत भी लोकतंत्र पर ही कामयाबी हासिल हुई है । चुनाव के लिए अनेक तरह की कार्यप्रणाली अपनाई जाती है ताकि जनता अपने मत का प्रयोग हमारे पक्ष में करती रही है । कार्यप्रणाली के विभिन्न रूपों को देखने के उद्देश्य से इस लघुकथा संकलन का सम्पादन किया जा रहा है ।

ब्लॉग का लिंक:

http://bijendergemini.blogspot.com/2019/04/blog-post_16.html


बुधवार, 3 अप्रैल 2019

बीजेन्द्र जैमिनी के सम्पादन में मां पर लघुकथा संकलन



श्री बीजेन्द्र जैमिनी के सम्पादन में मां पर लघुकथा संकलन उनके ब्लॉग पर निम्न कड़ी पर उपलब्ध है:

https://bijendergemini.blogspot.com/2019/03/blog-post_95.html


इस संकलन के संपादकीय में,

"मां के बिना जन्म सम्भव नहीं है। प्रथम गुरु भी मां है। मां जीवन का सत्य है। जिसकी मां नहीं होती है यानि बचपन में बिछडे जाती है कारण कुछ भी हो सकता है। उसका जीवन संधर्ष से भर होता है। 

ऐसे ही जीवन के संधर्ष की लघुकथाओं को पेश किया जा रहा है। अनुभव व संधर्ष सभी के अपने अपने है। इसलिए लघुकथा की विषय वस्तु अलग - अलग होना निश्चित है। भाषा शैली भी अलग अलग होगी। यही स्थिति ही लघुकथा की पहचान होती है। जो लेखक की मौलिक पहचान होती है।"

सोमवार, 18 मार्च 2019

लघुकथा संकलन: महिला लघुकथाकारों के लिए

महिला कथाकारों से चुनिंदा 10 बेहतरीन लघुकथाएं आमन्त्रित हैं

किताबगंज प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होने वाली साझा संकलनों की महायात्रा के अंतर्गत नवीनतम साझा संकलन "बोलती लघुकथाएं" के लिए महिला लघुकथाकारों से बेहतरीन और चुनिंदा 10 लघुकथाएं सचित्र परिचय सहित ईमेल से आमन्त्रित हैं।


  • प्रत्येक महिला रचनाकार को संकलन में सिर्फ चार पृष्ठ दिए जाएंगे। संकलन में सिर्फ 25 महिला रचनाकारों को ही स्थान दिया जाएगा।
  • प्रकाशित/अप्रकाशित को कोई बंधन नहीं हैं। आप सिर्फ मौलिक तथा टाईपशुदा चुनिंदा एवं बेहतरीन 10 लघुकथाएं में से चार चयनित की जाएगी. इस हेतु अपना सचित्र परिचय नाम, जन्मतिथि, योग्यता, मोबाइल न, पता व मेल आईडी के प्रारूप सहित ही ईमेल से भिजवाएं।
  • पुस्तक के यथाशीघ्र "किताबगंज प्रकाशन" से प्रकाशित होगी।
  • सहयोगी कथाकारों को संकलन की पहली लेखकीय प्रति निःशुल्क भेजी जाएगी और उनके द्वारा इस संकलन की अन्य प्रतियां खरीदने पर 50% स्पेशल डिस्काउंट (+डाक खर्च अतिरिक्त) पर उपलब्ध कराई जाएगी ।
  • कृपया अपने चुनिंदा एवं बेहतरीन 10 लघुकथाएं निम्न ईमेल पर 25 मार्च 2019 तक भेजें.


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ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश'
संपादक (बोलती लघुकथाएं)
📲: 942-407-9675
📧: opkshatriya@gmail.com
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डाॅ. प्रमोद सागर
(चेयरमैन)
किताबगंज प्रकाशन
📲: 8750-660-105
📧: kitabganj@gmail.com

बुधवार, 16 जनवरी 2019

लघुकथा समाचार : मातृभारती.कॉम द्वारा आयोजित लघुकथा संकलन "स्वाभिमान" का लोकार्पण



मातृभारती.कॉम द्वारा आयोजित लघुकथा संकलन "स्वाभिमान" का  लोकार्पण

11 जनवरी 2019 को  मातृभारती.कॉम आयोजित राष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता में विजयी ५० श्रेष्ठ लघुकथाओं को पुस्तक स्वरूप देकर पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम रखा गया। लघुकथा संकलन का नाम स्वाभिमान दिया गया है और इसे प्रकाशित किया है वनिका पब्लिकेशन्स ने।

इस मौके पर देश के विभिन्न राज्यों से आए लघुकथाकारों ने अपनी अपनी लघुकथाओं का पाठ किया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ कथाकार श्री सुभाष नीरव, वरिष्ठ लघुकथाकार व आलोचक श्री जितेंद्र जीतू और प्रकाशक श्रीमती नीरज सुधांशु। कार्यक्रम का सफल  संचालन किया कवयित्री व लेखिका श्रीमती नीलिमा शर्मा जी ने। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मातृभारती.कॉम के फाउंडर श्री महेंद्र शर्मा जी ने उपस्थित महमानों का स्वागत किया और साथ ही लघुकथा लेखकों और लेखिकाओं का उत्साह बढ़ाया। साथ ही इस दिन यानी 11 जनवरी को प्रति वर्ष लघुकथा स्वाभिमान दिवस के तौर पर मनाने का प्रस्ताव भी रखा।

श्री सुभाष नीरव जी ने अपनी लघुकथा यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि इस विषय पर प्रतियोगिताओं का होना एक उत्तम कार्य है, प्रतियोगिताओं के माध्यम से ही श्रेष्ठ लेखकों को पाठकों के समक्ष लाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने लघुकथा लेखकों व नवोदितों के लिए एक वर्कशॉप करने का प्रस्ताव भी रक्खा।

श्री जितेंद्र जीतू जी, जो इस प्रतियोगिता के निर्णायक भी रहे, उन्होंने अपने मन्तव्य प्रेक्षकों के समक्ष रक्खे। श्रेष्ठ लघुकथाओं का समीक्षात्मक मूल्याकन करके कथाएं क्यों सर्वश्रेष्ठ रही यह बताया ।

प्रतियोगिता में 5 सर्वश्रेष्ठ कथाओं को सम्मान दिया गया जिसमें
भगवान वैद्य
डॉ.आर बी भंडारकर
रत्न कुमार सांभरिया
प्रदीप मिश्र
शोभा रस्तोगी शामिल हैं।

श्रीमती नीरज सुधांशु ने अपनी प्रकाशक व निर्णायक की भूमिका के बारे में प्रेक्षकों को अवगत कराया व साथ ही प्रतियोगिता के विषय के अनुरूप लेखन को योग्य बताया। विषय व समय मर्यादा के साथ लिखकर ही लेखक एक उत्कृष्ट रचना का सर्जन कर सकता है।

कार्यक्रम के अंत मे श्री नीलिमा शर्मा जी ने सभी उपस्थित मेहमानों के प्रति आभार व्यक्त किया और महेंदर शर्मा जी ने भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों को करने का आश्वासन दिया |


Courtesy: thepurvai.com
URL: https://www.thepurvai.com/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%83%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%89%E0%A4%AE-%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A5%8B/

सोमवार, 7 जनवरी 2019

लघुकथा समाचार

जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली व नागौर के मूल निवासी लघुकथाकारों हेतु एक संकलन की योजना 

जोधपुर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) जोधपुर की ओर से राजभाषा के प्रति जागरूकता व इसे बढ़ावा देने में विशिष्ट योगदान देने वाले स्थानीय व प्रादेशिक साहित्यकारों से उनकी गद्य, पद्य और कथेतर रचनाओं का संकलन प्रकाशित किया जाएगा। इस साझा पुस्तक का विमोचन देश के विख्यात साहित्यकारों की मौजूदगी में वार्षिक राजभाषा समारोह जून में किया जाएगा। नराकास के अध्यक्ष केसी पाठक के अनुसार इस पुस्तक में अपनी रचनाएं प्रकाशित कराने के इच्छुक साहित्यकार 20 जनवरी तक ईमेल से tolic.bobjodhpur@gmail.com पर भेज सकते हैं। समिति की संयोजक बैंक ऑफ बड़ौदा है। पाठक के अनुसार रचनाकार अपनी गद्य कहानी या लघुकथा को अधिकतम 4 पृष्ठ में दो हजार शब्द, पद्य कविता अधिकतम एक पृष्ठ पर 300 शब्द और कथेतर निबंध, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, यात्रावृत्त एवं डायरी अधिकतम तीन पृष्ठ में 1500 शब्द की सीमा में भेज सकते हैं। रचनाएं भेजने वाले साहित्यकार जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली व नागौर के मूल निवासी होने चाहिए। रचनाएं और परिचय एक ही फाइल में भेजनी होगी। अधिक जानकारी के लिए बैंक नराकास सचिव ओमप्रकाश बैरवा से संपर्क किया जा सकता है।

News Source:
https://www.bhaskar.com/rajasthan/jodhpur/news/the-compositions-are-invited-for-publication-in-39contemporary-creation39-book-044032-3572351.html

सोमवार, 12 नवंबर 2018

लघुकथा समाचार

देखत तौ छोटे लगें घाव करें गंभीर' जैसे दोहे से लघुकथा को आंका
Dainik Bhaskar: Nov 12, 2018, New Delhi 


विश्व मैत्री मंच द्वारा प्रकाशित लघुकथा संकलन 'सीप में समुद्र' किताब का लोकार्पण हिन्दी भवन के महादेवी वर्मा कक्ष में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी के निदेशक उमेश कुमार सिंह थे। राष्ट्र भाषा प्रचार प्रसार समिति के संयोजक कैलाश चन्द्र पंत की अध्यक्षता में वरिष्ठ समीक्षक युगेश शर्मा और घनश्याम मैथिल ने पुस्तक पर विमर्श किया। इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष और संग्रह के संपादक संतोष श्रीवास्तव ने संपादन के अनुभव साझा किए।

दूसरे सत्र में हुआ गीत, गजल 

डॉ. उमेश कुमार सिंह ने लघुकथा पर अपना दृष्टिकोण रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कैलाशचंद पंत ने लघुकथा की विसंगतियों और साहित्यिक परिदृश्य में प्राचीन साहित्य और संस्कृति की चर्चा करते हुए सतसैया के दोहरे, अरु नावुक के तीरु, देखत तौ छोटे लगें घाव करें गंभीर जैसे लोकप्रिय दोहे से लघुकथा को आंका। दूसरे सत्र में गीत गजल संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें शहर के नामचीन शायरों ने शिरकत की।

News Source:
https://www.bhaskar.com/mp/bhopal/news/quotwatching-tau-tau-chong-chahta-chahra-chakte-sache-srilquot-such-as-judging-the-short-story-043059-3173314.html