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मंगलवार, 7 सितंबर 2021

फेसबुक समूह साहित्य संवेद में लघुकथा प्रतियोगिता की घोषणा

नमस्कार साथियो,

आपका अपना समूह #साहित्य_संवेद साहित्यिक आयोजन के प्रति सतत कटिबद्ध  है। इसी कड़ी को आगे बढाते हुए एक लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन  सुनिश्चित हुआ है जो कि आम लघुकथा प्रतियोगिताओं से भिन्न है । इसमें प्रतिभागियों को अपनी रचना न भेजकर किसी अन्य लेखक की लघुकथा विस्तृत टिप्पणी के साथ साझा करनी है। प्रतियोगिता को सुचारू बनाने हेतु कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए दिये गए नियमों का पालन करें।

प्रतियोगिता के नियम इस प्रकार हैं:

1. लघुकथा किसी भी अन्य लघुकथाकार की हो सकती है। ऐसी लघुकथा का चयन हो जो सामान्य से भिन्न हो। कथानक, कथ्य, शिल्प के स्तर पर प्रभावित करे।

2. एक प्रतिभागी अधिकतम दो(एक/दो) प्रविष्टि प्रतियोगिता में भेज सकते हैं।

3.लघुकथा पर अपनी टिप्पणी न्यूनतम 200(अधिकतम की कोई सीमा नहीं है) शब्दों में दें।

कथा के सकारात्मक पक्षों के अतिरिक्त त्रुटियों और  आलोचनात्मक पक्षों पर भी प्रतिभागियों की नज़र जाय, यह अपेक्षा जरूर है। केवल प्रशंसा हेतु यह प्रतियोगिता कतई नहीं है। और केवल कथा की कमियों और त्रुटियों पर भी केंद्रित रहना उचित नहीं है।

4. भाषायी शुद्धता का ध्यान रखें। रचना भेजने से पहले अशुद्धियों को ठीक कर लें। पोस्ट करने के बाद संपादित (एडिट) करना अमान्य होगा।

5. कृपया रचना के शीर्ष में #साहित्य_संवेद_लघुकथा_प्रतियोगिता_सितम्बर_2021 अवश्य अंकित करें।

6. रचनाएं साहित्य संवेद में ही  29 सितम्बर 2021 सुबह 7 बजे से 30सितम्बर

रात 11 बजे तक(भारतीय समयानुसार) पोस्ट करें।

प्रथम तीन प्रविष्टियों को पुरस्कार स्वरूप पुस्तक प्रदान की जाएगी।

* प्रथम पुरस्कार - हिंदी लघुकथा:मर्म की तलाश(सम्पादक:मिथिलेश दीक्षित)+ Chandresh Kumar Chhatlani रचित लघुकथा संग्रह 'बदलते हुए'

*द्वितीय पुरस्कार -लघुकथा:प्रासंगिकता एवं प्रयोजन(सम्पादक:मिथिलेश दीक्षित)

*तृतीय पुरस्कार -लघुकथा:प्रासंगिकता एवं प्रयोजन(सम्पादक:मिथिलेश दीक्षित)

आप सबसे विनम्र निवेदन है कि अपने साथियों की प्रविष्टियों पर अपनी बहुमूल्य  टिप्पणी भी अवश्य दें। एडमिनगण पुरस्कार से पृथक रहकर प्रतियोगिता का हिस्सा बन सकते हैं।

■यह प्रतियोगिता सामान्य से भिन्न है तो वरिष्ठजनों से भी भागीदारी की स्वाभविक अपेक्षा रहेगी।

■■अगर कोई लेखक चाहते हैं कि उनकी रचनाओं पर कोई आलोचनात्मक टिप्पणी न दें तो कमेंट बॉक्स में अथवा इनबॉक्स में सूचित कर सकते हैं।

■■■मित्रों से आग्रह है कि इस सूचना को अपने वाल पर स्थान दें ताकि अधिकाधिक लघुकथाकार इसमें सम्मिलित हो सकें।

■■■■सुझाव का भी स्वागत है।

सधन्यवाद,

दिव्या राकेश शर्मा Vandana Gupta Archana Rai स्वाति कमल उपाध्याय Shobhit Gupta और मृणाल आशुतोष

 





Source:

https://www.facebook.com/groups/437133820382776/?multi_permalinks=1013122789450540&notif_id=1630845272595108&notif_t=feedback_reaction_generic_tagged&ref=notif


सोमवार, 28 अक्तूबर 2019

जैमिनी अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता-2019 का परिणाम


जैमिनी अकादमी, पानीपत - 132103 हरियाणा द्वारा आयोजित 25 वी अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता - 2019 में 133 लघुकथाकारों ने भाग लिया।  प्रतियोगिता सम्पादक बीजेन्द्र जैमिनी ने सभी की एक-एक लघुकथा चुन कर निर्णायक मंडल को सौंपा। निर्णायक मंडल में पानीपत साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री मदन मोहन 'मोहन'  व जैमिनी अकादमी के महासचिव श्री देवेन्द्र तूफ़ान है। 

निर्णायक मंडल ने लघुकथा प्रतियोगिता - 2019‌ का परिणाम इस प्रकार घोषित किया है:

प्रथम पुरस्कार
लघुकथा का शीर्षक - मन के सपने 
लघुकथाकार - रेखा श्रीवास्तव , कानपुर - उत्तर प्रदेश

द्वितीय पुरस्कार
लघुकथा का शीर्षक - अब तस्वीर ही पिता
लघुकथाकार - सेवा सदन प्रसाद , मुम्बई - महाराष्ट्र

तृतीय पुरस्कार
लघुकथा का शीर्षक - दुर्गा
लघुकथाकार - प्रज्ञा गुप्ता , बांसवाड़ा - राजस्थान

तीन सांत्वना पुरस्कार
1.

लघुकथा का शीर्षक - पुरुषार्थ दो
लघुकथाकार - ज्ञानदेव मुकेश , पटना - बिहार


2.

लघुकथा का शीर्षक - खाली पेट
लघुकथाकार - मधु जैन , जबलपुर - मध्यप्रदेश

3.

लघुकथा का शीर्षक - बोझ
लघुकथाकार - सीमा भाटिया , लुधियाना - पंजाब

ग्यारह सम्मान पत्र से सम्मानित 
1.
लघुकथा का शीर्षक - भाड़े की माई
लघुकथाकार - सारिका भूषण , रांची - झारखंड
2.
लघुकथा का शीर्षक - मुठ्ठी भर धूप
लघुकथाकार - श्रुत कीर्ति , पटना - बिहार
3. 
लघुकथा का शीर्षक - बहन की चिठ्ठी
लघुकथाकार - नरेन्द्र श्रीवास्तव , गाडरवारा - मध्यप्रदेश
4.
लघुकथा का शीर्षक - चमगादड़
लघुकथाकार - प्ररेणा गुप्ता , कानपुर - उत्तर प्रदेश
5. 
लघुकथा का शीर्षक - अंतर्द्वन्द्व
लघुकथाकार - डॉ भारती वर्मा , देहरादून - उत्तराखण्ड
6.
लघुकथा का शीर्षक - अपने - अपने संस्कार
लघुकथाकार - हरीश कुमार अमित , गुरुग्राम - हरियाणा
7. 
लघुकथा का शीर्षक - नई चिंता
लघुकथाकार - सीमा शिवहरे सुमन , भोपाल - मध्यप्रदेश
8.
लघुकथा का शीर्षक - मां का सपना
लघुकथाकार - नीरू तनेजा , समालखा - हरियाणा
9.
लघुकथा का शीर्षक - ओ. टी. खाली नहीं 
लघुकथाकार - विष्णु सक्सैना , गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश
10.
लघुकथा का शीर्षक - बिन फेरे
लघुकथाकार - गोविंद भारद्वाज , अजमेर - राजस्थान
11.
लघुकथा का शीर्षक - उम्मीदों का चौका
लघुकथाकार - मनीष शुक्ल , लखनऊ - उत्तर प्रदेश 

Source:
https://bijendergemini.blogspot.com/2019/01/2019_24.html

मंगलवार, 22 अक्तूबर 2019

फेसबुक समूह साहित्य संवेद में लघुकथा प्रतियोगिता

श्री मृणाल आशुतोष द्वारा प्रेषित

नमस्कार साथियों,

आपका अपना समूह साहित्य संवेद साहित्यिक आयोजन के प्रति सतत कटिबद्ध  है। अगली कड़ी में लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन 6 -7 नवम्बर 2019 को सुनिश्चित हुआ है। प्रतियोगिता को बेहतर बनाने हेतु कुछ नियम निर्धारित किए हैं। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए दिये गये नियमों का पालन करें। प्रतिभागियों से नवीन व ज्वलंत विषयों पर लेखनी चलाने की अपेक्षा रहेगी।

प्रतियोगिता के नियम इस प्रकार हैं:
1. रचना मौलिक, स्वरचित और पूर्णतः अप्रकाशित (न केवल पत्र-पत्रिका वरन व्हाट्सएप और फेसबुक पर भी प्रकाशित न हो) होनी चाहिए।
2. एक प्रतिभागी एक और केवल एक ही रचना प्रतियोगिता में भेज सकते हैं।
3.प्रतियोगिता में भेजी हुई रचना प्रतियोगिता के परिणाम आने तक कहीं और न भेजें और न ही पोस्ट करें। अन्यथा यह पुरस्कार की दौड़ से बाहर मानी जायेगी।
4. भाषा की शुद्धता का ध्यान रखें। रचना भेजने से पहले अशुद्धियों को ठीक कर लें। पोस्ट करने के बाद संपादित (एडिट) करना अमान्य होगा।
5.आप सबसे अनुरोध है कि लघुकथा विधा में अपनी कल्पना को उड़ान दें और अपनी सर्वश्रेष्ठ रचना के साथ इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का हिस्सा बनें।
6. कृपया रचना के शीर्ष में #साहित्य_संवेद_लघुकथाप्रतियोगिता_नवम्बर_2019 अवश्य अंकित करें।

आप सबसे विनम्र निवेदन है कि अपने साथियों की रचनाओं पर अपनी बहुमूल्य समीक्षात्मक टिप्पणी भी जरूर दें। एडमिनगण इस प्रतियोगिता से दूर रहेंगे। 

प्रतियोगिता के प्रथम विजेता को श्री योगराज प्रभाकर और श्री रवि प्रभाकर द्वारा संपादित #लघुकथा_कलश_रचना_प्रक्रिया_महाविशेषांक_चतुर्थ_अंक, द्वितीय विजेता को श्री मधुदीप गुप्ता  संपादित #पड़ाव_पड़ताल_खण्ड_30 और तृतीय विजेता को श्री राजकुमार निजात  रचित #आसपास_की_लघुकथाएँ दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त तीन सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
इस प्रतियोगिता हेतु किसी भी सुझाव का हार्दिक स्वागत है। निस्संकोच अभिव्यक्त करें।

समय सीमा: भारतीय समयानुसार शनिवार 06/11/19 प्रातः 7 बजे से रविवार 07/11/19 सायं 11 बजे तक।
इस अवधि में प्रतियोगिता से इतर अन्य रचना पूर्णतः वर्जित होगी।आशा है कि सभी सदस्यगण इसका विशेष ध्यान रखेंगे।

(आप सब तो प्रतियोगिता में शामिल होंगे ही, साथ में अपने लघुकथाकार मित्रों को भी शामिल होने के लिये प्रेरित करें।)
■■मित्रगण चाहें तो इस पोस्ट को कॉपी पेस्ट कर अपने वाल पर जगह दे सकते हैं ताकि अधिकाधिक लघुकथाकार इस आयोजन में सहभागी बन सकें।

मंगलवार, 24 सितंबर 2019

फेसबुक समूह "सार्थक साहित्य मंच" प्रतियोगिता में मेरी विजेता लघुकथा


तीन संकल्प

वो दौड़ते हुए पहुँचता उससे पहले ही उसके परिवार के एक सदस्य के सामने उसकी वो ही तलवार आ गयी, जिसे हाथ में लेते ही उसने पहला संकल्प तोड़ा था कि 'वो कभी किसी की भी बुराई नहीं सुनेगा'। वो पीछे से चिल्लाया, "रुक जाओ तुम्हें तो दूसरे धर्मों के लोगों को मारना है।" लेकिन तलवार के कान कहाँ होते हैं, उसने उसके परिवार के उस सदस्य की गर्दन काट दी।

वो फिर दूसरी तरफ दौड़ा, वहाँ भी उससे पहले उसी की एक बन्दूक पहुँच गयी थी, जिसे हाथ में लेकर उसने दूसरा संकल्प तोड़ा था कि 'वो कभी भी बुराई की तरफ नहीं देखेगा'। बन्दूक के सामने आकर उसने कहा, "मेरी बात मानो, देखो मैं तुम्हारा मालिक हूँ..." लेकिन बन्दूक को कुछ कहाँ दिखाई देता है, और उसने उसके परिवार के दूसरे सदस्य के ऊपर गोलियां दाग दीं।

वो फिर तीसरी दिशा में दौड़ा, लेकिन उसी का आग उगलने वाला वही हथियार पहले से पहुँच चुका था, जिसके आने पर उसने अपना तीसरा संकल्प तोड़ा था कि 'वो कभी किसी को बुरा नहीं कहेगा'। वो कुछ कहता उससे पहले ही हथियार चला और उसने उसके परिवार के तीसरे सदस्य को जला दिया।

और वो स्वयं चौथी दिशा में गिर पड़ा। उसने गिरे हुए ही देखा कि एक बूढ़ा आदमी दूर से धीरे-धीरे लाठी के सहारे चलता हुआ आ रहा था, गोल चश्मा पहने, बिना बालों का वो कृशकाय बूढ़ा उसका वही गुरु था जिसने उसे मुक्ति दिला कर ये तीनों संकल्प दिलाये थे।

उस गुरु के साथ तीन वानर थे, जिन्हें देखते ही सारे हथियार लुप्त हो गये।
और उसने देखा कि उसके गुरु उसे आशा भरी नज़रों से देख रहे हैं और उनकी लाठी में उसी का चेहरा झाँक रहा है, उसके मुंह से बरबस निकल गया 'हे राम!'।

कहते ही वो नींद से जाग गया।
-0-


Source: https://www.facebook.com/photo.php?fbid=1750296521770814&set=gm.913175072376522&type=3&theater

शनिवार, 1 जून 2019

विजेता लघुकथा : गूंगा कुछ तो करता है | स्टोरी मिरर में "लघुकथा के परिंदे" प्रतियोगिता के तहत | डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

कुछ व्यक्तियों की तरह उसने मुस्कुराने के लिए अपना फेसबुक खोला। पहली पोस्ट देखी, उसमें एक कार्टून बना था कि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का प्रमुख दूसरे दल के प्रमुख की हँसी उड़ा रहा था। यह देखकर उसका चेहरा बिगड़ने लगा।

फिर उसने उसी पोस्ट की टिप्पणियाँ पढ़ीं।

पहली टिप्पणी ‘अ’ की थी जिसमें लिखा था, "मूर्ख तो मूर्ख ही रहेगा।" और उसे महसूस हुआ कि वह स्वयं एक मूर्ख व्यक्ति है।

दूसरी टिप्पणी ‘ब’ ने की, "गधों को सब मूर्ख ही दिखाई देते हैं।" यह पढ़कर उसे स्वयं में एक गधा दिखाई देने लगा।

तीसरी टिप्पणी फिर ‘अ’ ने की, "जिसे गधा कह रहे हो उसने देश की लोकतांत्रिक परंपरा को बढ़ाने के लिए बहुत कार्यक्रम चला रखे हैं।"

चौथी टिप्पणी फिर ‘ब’ की थी, "तो तुम भी जिसे मूर्ख कह रहे हो उसने और उसके दल ने भी कई वर्षों देश की भलाई के लिए बहुत कार्यक्रम चलाए हैं।"

पाँचवी टिप्पणी ‘स’ ने की, "एक-दूसरे को कोसना छोड़िये, यह बताइये आप दोनों ने किन-किन कार्यक्रमों या परियोजनाओं में भाग लिया है ?"

छठी टिप्पणी ‘अ’ ने की, "लो आज गूंगे भी बोल रहे हैं, देशद्रोही ! तुमने क्या किया है देश के लिए ? "इस टिप्पणी को ‘ब’ ने पसंद किया हुआ था, लेकिन पढ़कर उसकी भवें तन गयीं।

सातवीं टिप्पणी दस मिनट बाद की थी, जो ‘स’ ने की थी, "मैनें फेसबुक पर अपना प्रचार नहीं किया लेकिन हर दल की सरकार के विकास के कार्यों में हर संभव भाग लिया है..."

उसने और टिप्पणियाँ नहीं पढ़ीं, उसकी आँखों में चमक आ गयी थी और उसने ‘स’ को मित्रता अनुरोध भेज दिया।

- डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

गुरुवार, 16 मई 2019

लघुकथा प्रतियोगिता : फेसबुक समूह साहित्य संवेद द्वारा प्रस्तावित

फेसबुक समूह साहित्य संवेद में दिव्या राकेश शर्मा की पोस्ट से 

नमस्कार साथियों,

फेसबुक समूह साहित्य संवेद  लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन करवा रहा है। प्रतिभागियों से नवीन व ज्वलंत विषयों पर लेखनी चलानी की अपेक्षा है और हमें विश्वास है कि हमारी यह अपेक्षा व्यर्थ नहीं जायेगी।
प्रतियोगिता के नियम इस प्रकार हैं:
1. रचना मौलिक, स्वरचित और पूर्णतः अप्रकाशित (न केवल पत्र-पत्रिका वरन व्हाट्सएप और फेसबुक पर भी प्रकाशित न हो) होनी चाहिए।
2. एक प्रतिभागी एक और केवल एक रचना ही प्रतियोगिता में भेज सकता है।
3. भाषा की शुद्धता का ध्यान रखें। रचना भेजने से पहले अशुद्धियों को ठीक कर लें। पोस्ट करने के बाद संपादित (एडिट) करना अमान्य होगा।
4 . समीक्षक दो वरिष्ठ साहित्यकार होंगे।
आप सबसे अनुरोध है कि लघुकथा विधा में अपनी कल्पना को उड़ान दें और अपनी सर्वश्रेष्ठ रचना के साथ इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का हिस्सा बनें।
5. आप सबसे विनम्र निवेदन है कि अपने साथियों की रचनाओं पर अपनी बहुमूल्य समीक्षात्मक टिप्पणी भी जरूर दें। एडमिनगण इस प्रतियोगिता से दूर रहेंगे।
इस प्रतियोगिता हेतु किसी भी सुझाव का हार्दिक स्वागत है। निस्संकोच अभिव्यक्त करें।
समय सीमा: शनिवार 25/05/19 प्रातः 7 बजे से रविवार 26/05/19 सायं 10 बजे तक।
इस अवधि में प्रतियोगिता से इतर अन्य रचना पूर्णतः वर्जित होगी।आशा है कि सभी सदस्यगण इसका विशेष ध्यान रखेंगे।
(आप सब तो प्रतियोगिता में शामिल हैं ही, साथ में अपने मित्रों को भी शामिल होने के लिये प्रेरित करें।)

अतुल मल्लिक 'अनजान' जी की तरफ से इस प्रतियोगिता हेतु घोषणा

निर्णायक मंडल द्वारा चयनित प्रथम लघुकथा को मैं अपनी साहित्यिक पत्रिका #देहाती_दर्शन में प्रकाशित भी करूंगा, प्रकाशित होने के बाद दो प्रति रजिस्टर डाक से भेजूंगा भी।




रविवार, 14 अप्रैल 2019

कथासृजन प्रकाशन की 2019 अखिल भारतीय लघुकथा एवं कहानी प्रतियोगिता - विस्तृत जानकारी:

कथासृजन प्रकाशन की फेसबुक वॉल से
1. रचनाएँ
आप प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए लघुकथा एवं कहानी भेज सकते हैं। शब्द सीमा इस प्रकार है:-
लघुकथा: अधिकतम 500 शब्द

छोटी कहानी: 500 से 2,000 शब्द
कहानी: 2,000 से 10,000 शब्द

विषय कोई भी हो सकता है।

2. प्रेषण विधि

कथासृजन प्रकाशन को अपनी रचनाएँ ईमेल के द्वारा प्रेषित करें। ईमेल पता है: kathasrijan@outlook.com
रचना ईमेल में ही लिखें अथवा ईमेल के साथ Docx/PDF फ़ाइल संलग्न करें। ईमेल में अपना नाम व सम्पर्क सूचना दें।

3. चयन प्रक्रिया एवं महत्वपूर्ण तिथियाँ

31 मई 2019: रचनाएँ प्रेषित करने की अंतिम तिथि

आपकी रचनाएँ प्राप्त होने के पश्चात हमारे संपादक उनकी समीक्षा करेंगे। मूल्यांकन के आयाम हैं:- मौलिकता, अभिव्यक्ति, एवं विषय की नवीनता। (अपेक्षित स्तर: उचित भाषा, व्याकरण एवं वर्तनी)
कथासृजन प्रकाशन का चयन निर्णय ही अंतिम व मान्य है। चयन प्रक्रिया के विषय में किसी भी रचयिता अथवा उनके प्रतिनिधि से कथासृजन प्रकाशन कोई भी चर्चा व विचार-विमर्श नहीं करेगा।
30 जून 2019: चयनित लेखकों को ईमेल के द्वारा सूचित किया जाएगा। तत्पश्चात हमारे साथ अपनी रचना प्रकाशित करने का निर्णय लेखक का ही होगा। लेखक/लेखिका परिचय पत्र का अनुरोध चयनित लेखकों से ही किया जाएगा।
जिन रचनाओं का चयन नहीं हुआ, उनके लेखकों को भी ईमेल के द्वारा सूचित किया जाएगा। कथासृजन प्रकाशन के चयनकर्ताओं के द्वारा किसी भी रचना के मूल्यांकन के विषय में विस्तृत जानकारी देना संभव नहीं है।
31 जुलाई 2019: "सौंधी" संकलन निर्णित
14 सितम्बर 2019: प्रकाशन एवं ऑनलाइन लोकार्पण. प्रकाशनोपरान्त "सौंधी" पुस्तक ऑनलाइन पुस्तक विक्रेताओं के द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

4. प्रवेश शुल्क
इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कोई शुल्क नहीं है

5 . प्रविष्ट की गई रचना प्रतियोगी की स्वयं लिखित एवं मौलिक हो। कथासृजन प्रकाशन मौलिकता की पूर्ण एवं स्वतंत्र जाँच करने में सक्षम है और "काॅपीराईट" नियमों के प्रति सजग व गम्भीर है।

6. प्रविष्ट की गई रचना पूर्व अप्रकाशित होनी चाहिये

7. प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आपकी आयु 31 मई 2019 को 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

8. प्रविष्टियों की संख्या के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है

9. प्रकाशित रचनाओं के लेखकों को सौंधी संकलन की एक प्रति प्रकाशनोपरान्त निःशुल्क दी जाएगी।

10. प्रतियोगिता के संदर्भ में डाक पत्रव्यवहार अथवा फ़ोन के द्वारा संचार संभव नहीं है। आप अपने प्रश्न ईमेल के द्वारा प्रेषित कर सकते हैं।

11. कृपया प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपनी रचना प्रेषित करने के समय हमें इन नियमों के प्रति अपनी स्वीकृति भी दें।

आभार,
- कथासृजन प्रकाशन

सोमवार, 11 फ़रवरी 2019

*"पुरुष उत्पीड़न" विषय पर कहानी और लघुकथा लेखन प्रतियोगिता

श्री विजय विभोर की फेसबुक वॉल से


"Write Now"
आपके लिए एक अनूठी कहानी और लघुकथा लेखन प्रतियोगिता*
अब तक आपने (पुरूष/महिला रचनाकारों ने) महिला उत्पीड़न पर बहुत क़लम चलाई है। अब आपके लिए
*"पुरुष उत्पीड़न"
-------------------
पर क़लम चलाने का चैलेन्ज है।
महिलाएं बातों को बेहतर तरीके से देख और समझ पाती हैं और अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकती हैं। पुरुष भी महिलाओं के लिए बहुत मार्मिक व शानदार लिखते आ रहे हैं। अब देखे कितनी महिला/पुरूष रचनाकार "पुरुषों के उत्पीड़न" पर अपनी कलम का जादू बिखेरते हैं?
आपका अपना यूट्यूब चैनल "Vibhorविभोर" लेखकों के लिए यह अनूठी लेखन प्रतियोगिता ला रहा है। यह पुरुषों/महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा, प्यार और उनके ख्याल का उत्सव है।
इस कहानी और लघुकथा लेखन प्रतियोगिता के लिए देखें आप अपनी कितनी उर्जा, रचनात्मकता और उत्साह को दिखाते हैं।
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य महिलाओं व पुरुषों को समान रूप से सम्मान और सहयोग के लिए प्रेरित करना है। तो आइए अपनी रचनात्मकता का उपयोग करते हुए प्रेरक कहानी / लघुकथा लिखें।
नियम
1. चैनल के सब्स्क्राइब सदस्य (प्रमाण के लिए स्क्रीन शॉट भेजें) ही भाग ले सकते हैं।
2. शैली पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बस विवादास्पद को शामिल नहीं किया जाएगा।
3. विजेताओं का फैसला वीडियो पर लाइक स्कोर, उनकी कहानी/लघुकथा को कितना शेयर किया गया व उसको कितने समय तक देखा गया (व्यूज ड्यूरेशन) के आधार पर किया जायेगा।
4. सभी प्रतिभागियों के लिए चैनल "Vibhorविभोर" का निर्णय अंतिम और मान्य होगा।
5. प्रतिभागियों को अपनी स्वरचित कहानी / लघुकथा ही भेजनी हैं। प्रतिभागी अधिकतम दो कहानी / चार लघुकथा ही भेज सकते हैं। अपने अनुसार उत्कृष्टता क्रम से (कहानी और लघुकथा अलग-अलग) भेजें।
6. आपकी रचना पहले से किसी भी सोशल मीडिया पर पोस्ट / प्रकाशित नहीं होनी चाहिए।
7. हम ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। आपसे भी यही अपेक्षा रखते हैं।
8. आपकी रचना पर आपका पूर्ण अधिकार है। बस प्रतियोगिता के बाद आप कहीं भी इस्तेमाल करें।
पुरस्कार
श्रेष्ठ 10 रचनाकारों को "Vibhor विभोर" यूट्यूब चैनल से उत्कृष्टता के प्रमाण-पत्र प्राप्त होंगे।
योग्यता
सबमिट करने की अवधि - 14 फरवरी 2019 से 15 मार्च 2019 तक
भाषाएँ - हिन्दी
कन्टेन्ट - कहानी और लघुकथा
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए, आप नीचे दी हुई e-mail : vibhorvijayji@gmail.com पर अपनी रचनाओं को सबमिट करें। साथ में अपना फोटो व शहर का नाम व "पुरुष उत्पीड़न" प्रतियोगिता जरूर लिखें। व्हाट्सएप/मैसेंजर पर भेजी रचनाएँ शामिल नहीं कर सकेंगे। इसलिए ईमेल पर ही प्रसारण स्वीकृति के साथ भेजें।
आपकी रचनाओं का हृदय से स्वागत है, धन्यवाद !🙏🏻
नोट :- 24 फरवरी 2019 से आपकी आयी हुई रचनाओं की वीडियो अपलोड होना शुरू हो जाएंगी। एक दिन में एक ही वीडियो अपलोड होगी। जितनी भी रचनाएँ आएंगीं उनमें से प्रतियोगिता में चुनी गई रचनाओं के ही वीडियो अपलोड किया जाएगा। आपकी वीडियो की अपलोडिंग के बाद का दस दिन तक का समय नोट किया जाएगा।
सब्स्क्राइब करने के लिए चैनल "Vibhorविभोर" का लिंक -----
मित्रों!
अपने फ़ोटो और संक्षिप्त परिचय के साथ अपनी रचनाएँ (कहानी, लघुकथा) ईमेल vibhorvijayji@gmail.com पर ही भेजें।
- विजय 'विभोर'

मंगलवार, 29 जनवरी 2019

'कलम की कसौटी' लघुकथा प्रतियोगिता

यश पब्लिकेशन्स की फेसबुक वॉल से...
हमें यकीन है कि आप पिछली सूचना के बाद से ही 'कलम की कसौटी' प्रतियोगिता के विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा कर रहे होंगे. लीजिये पूरा विवरण हाजिर है. खुद जानिये और अपने लिखने पढ़ने के शौक़ीन दोस्तों तक भी पहुंचाइये.

प्रतियोगिता का नियम/विवरण
1- दिए गए विषय व विधा पर आधारित अपनी रचना निम्न प्रारूप के अनुसार यश पब्लिकेशन को मेंशन करते हुए अपनी वाल पर पोस्ट करें तथा हमारे पेज के इनबॉक्स में भी भेज दें.

प्रारूप उदाहरण 
यश पब्लिकेशन 'कलम की कसौटी' प्रतियोगिता-1
विषय - प्रेम
विधा - लघुकथा
आपकी रचना......

2 - चूंकि, इसबार की विधा लघुकथा है, इसलिए शब्द-सीमा पांच सौ निर्धारित की गयी है. इससे अधिक शब्दों की रचनाओं को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा.
3 - एक व्यक्ति एक ही रचना भेज सकता है.
4- तीन विजेता चुने जाएंगे. प्रथम विजेता को इस वर्ष यश पब्लिकेशन्स की सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तक 'लाल अंधेरा' पुरस्कारस्वरूप दी जाएगी. जीत का डिजिटल प्रशस्ति-पत्र सभी विजेताओं को प्रदान किया जाएगा. पेज पर उनका प्रचार भी होगा.
5- प्रतिभागिता करने वाले नए लेखकों को एक अप्रत्यक्ष लाभ यह भी होगा कि जिनकी रचना में दम होगा, वे हमारी नजर में रहेंगे. किताब आदि को लेकर भी उनके लिए संभावनाएं पैदा होंगी.
6- हमारा निर्णायक मंडल आपके सामने है (चित्र में), जिनका निर्णय अंतिम होगा.
7- परिस्थिति अनुसार नियमों में परिवर्तन के लिए यश पब्लिकेशन्स स्वतंत्र होगा, जिसकी सूचना आपको दी जाएगी.
8- फरवरी प्रेम का महीना है, इसलिए हमने प्रतियोगिता का विषय प्रेम रखा है. तो जमाइए कीबोर्ड और प्रेम के सागर को लघुकथा के गागर में भर दीजिये.
एक अंतिम बात और कि हमारी योजना इस प्रतियोगिता को प्रत्येक महीने करने की है, लेकिन ये आपके द्वारा मिले प्रतिसाद पर ही निर्भर करता है. अब आपकी यह प्रतियोगिता आपके हाथ समर्पित. आप जितना उत्साह दिखाएंगे, हम उससे दुगुने उत्साह से इसे आगे बढ़ाएंगे. धन्यवाद.

Source:

सोमवार, 28 जनवरी 2019

लघुकथा समाचार: 25वीं अखिल भारतीय हिन्दी लघुकथा प्रतियोगिता - 2019 (जैमिनी अकादमी द्वारा आयोजित)


जैमिनी अकादमी
द्वारा आयोजित
25 वीं
अखिल भारतीय हिन्दी लघुकथा प्रतियोगिता - 2019


प्रथम पुरस्कार : 1100/- रु नगद
द्वितीय पुरस्कार : 551/- रु नगद
तृतीय पुरस्कार : 251 /- रु नगद
तीन सांत्वना पुरस्कार : प्रत्येक को 51/- रु नगद

नियम :-

1.       प्रत्येक लघुकथाकार को अपनी मौलिक कम से कम दो लघुकथा भेजना आवश्यक है ।
2.       प्रतियोगिता में प्रवेश नि:शुल्क है ।
3.       लघुकथा के साथ एक जवाबी लिफाफा डांक टिकट सहित भेजना आवश्यक है ।
4.       अपना पासपोर्ट साईज का फोटों भी भेजें ।
5.       जैमिनी अकादमी का निर्णय अन्तिम व सर्वमान्य होगा ।
6.       उपरोक्त साम्रग्री रजिस्टर डांक या कोरियर से ही भेजें अथवा प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाऐगा।
7.       अन्तिम तिथि : 31 मार्च 2019

रजिस्टर्ड  डाक / कोरियर भेजने का पता

प्रतियोगिता सम्पादक
अखिल भारतीय हिन्दी लघुकथा प्रतियोगिता - 2019
हिन्दी भवन , 554- सी , सैक्टर -6
हाऊसिंग बोर्ड कालोनी
पानीपत - 132103
हरियाणा

रविवार, 9 दिसंबर 2018

राष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता (स्टोरीमिरर और लघुकथा के परिंदे फेसबुक समूह द्वारा आयोजित)

स्टोरीमिरर और लघुकथा के परिंदे  फेसबुक मंच के सौजन्य से एक लघुकथा प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गई है।


प्रतियोगिता में सहभागिता निम्न URL पर क्लिक करके की जा सकती है:
https://contest.storymirror.com/hindi-competitions/ongoing/lghukthaa-ke-prinde/1a284713-a5d9-4851-b95f-c2c673e46866/introduction

ज्ञात हो कि इसमें सहभागिता करने वाले लघुकथाकार सिर्फ 'लघुकथा के परिंदे' फेसबुक समूह के सदस्य‌ होंगे।

किसी भी विषय पर आपकी अप्रकाशित लघुकथा आमंत्रित की जाती है।

व्यक्ति के अन्दर निहित चिन्तक-प्रवृत्ति का प्रतिफल है लघुकथा, लघुकथा बंद कली की तरह हो ना कि खिले हुए पुष्प की तरह -कान्ता रॉय


Rewards
उल्लेखनीय स्थान प्राप्त करने वाली 50 लघु कथाओं का ई-बुक बनाने के साथ-साथ सभी को डिजिटल सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।



Rules 
1. रचना स्वरचित, मौलिक व अप्रकाशित हो। किसी भी दशा में यदि किसी की भी रचना कहीं से भी कापी की हुई पाई गई तो वह कानूनी रूप से खुद जिम्मेदार होगा।

2. यदि यह सच्चाई पता चलती है कि रचना पहले से ही कहीं और जगह पर प्रकाशित हुई है तो आप को रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

3. रचना में किसी भी प्रकार की अश्लीलता नहीं होनी चाहिए।

4. प्रतियोगिता में कोई भी भाग ले सकता है।

5. प्रतियोगिता में अपनी रचनाओं को 9 दिसंबर 2018 से लेकर 9 जनवरी 2019 तक सबमिट कर सकते हैं।

6. 10 फरवरी 2019 को इसका परिणाम https://www.storymirror.com पर प्रकाशित किया जाएगा।

7. सबसे ज्यादा पढ़ी गयी रचनाओं को भी विशेष तौर पर उल्लेखनीय स्थान देने के लिये चुना ज़ायेगा।

8. ध्यान रहे:यह आपकी अपनी प्रतिभा को परखने हेतु लॉन्च किया जा रहा है तो प्राथमिकता नवीनता को दी जायगी।

9. इस लघुकथा के परिंदे की प्रतियोगिता में आदरणीया कांता राय जी निर्णायक की भूमिका में हैं, उनका ही फैसला सर्वमान्य होगा|


Languages: Hindi
Content type: Story
Contact person: sant@storymirror.com

Source:
https://contest.storymirror.com/hindi-competitions/ongoing/lghukthaa-ke-prinde/1a284713-a5d9-4851-b95f-c2c673e46866/introduction

मंगलवार, 4 दिसंबर 2018

रचनाकार.ऑर्ग लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन वर्ष 2019

रचनाकार.ऑर्ग लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन वर्ष 2019 की घोषणा की  गयी है। 
अंतिम तिथि - 31 जनवरी 2019

इस आयोजन का उद्देश्य नव-सृजन को पुष्पित-पल्लवित करना मात्र है.

संपादक / निर्णायक मण्डल द्वारा चयनित रचनाओं के लिये कुल रु. 21 हजार के निम्न कुल 10 (दस) पुरस्कार निर्धारित किए गए हैं, जो कुछ विशेष परिस्थितियों में बदले जा सकते हैं।

· प्रथम पुरस्कार (एक): 1x5000 रुपए (पांच हजार रुपए)
· द्वितीय पुरस्कार (दो): 2x3000 रुपए (तीन हजार रूपए प्रत्येक)
· तृतीय पुरस्कार(तीन): 3x2000 रुपए  (दो हजार रूपए प्रत्येक)
. विशेष पुरस्कार (चार): 4x1000 रुपए (एक हजार रुपए प्रत्येक)
कुल 21,000 (इक्कीस हजार) रुपए नकद तथा साथ में विविधपुस्तकें पुरस्कार स्वरूप  प्रदान किए जाएंगे. पुरस्कारों में वृद्धि संभावित है, चूंकि इस आयोजन हेतु चहुँ ओर से प्रायोजन आमंत्रित हैं.

इस आयोजन में भाग लेने के लिए रचनाकार में रचनाएँ भेजने के नियम (कृपया इस लिंक को देखें व सूक्ष्मता से अध्ययन करें - http://www.rachanakar.org/2005/09/blog-post_28.html ) यथावत लागू होंगे, इसके अतिरिक्त, ये नियम भी लागू होंगे –

1- इस आयोजन के लिए भेजी जाने वाली लघुकथाएँ पूर्णतः मौलिक, सर्वथा अप्रकाशित तथा अप्रसारित होनी चाहिए।  रचना कहीं भी, प्रिंट माध्यम हो या ऑनलाइन, पूर्व प्रकाशित न हो।  ब्लॉग, फ़ेसबुक या वाट्सएप्प या अन्यत्र, कहीं भी, डिजिटल-प्रिंट माध्यम में पूर्व-प्रकाशित न हो।  बेहतर हो कि इस आयोजन के लिए आप कुछ नया, नायाब सा लिखें।  आयोजन का उद्देश्य ही है नव-सृजन को प्रोत्साहित करना।  रचनाकार.ऑर्ग में प्रकाशित होने के उपरांत रचनाओं को रचनाकार का लिंक देते हुए अन्यत्र प्रकाशित/साझा किया जा सकता है। प्रत्येक रचना के साथ नीचे दिया गया रचना की मौलिकता व अप्रकाशित अप्रसारित होने का प्रमाणपत्र साथ लगाना आवश्यक है.

2 - इस आयोजन में भाग लेने के लिए रचनाएँ भेजने के साथ ही आप रचनाकार लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन 2019 के नियमों से स्वयंमेव आबद्ध हो जाते हैं। 

3 - निर्णायकों का निर्णय अंतिम व सभी पार्टियों के लिए मान्य व बाध्यकारी होगा।

4 – रचना किसी भी फ़ॉन्ट में, टैक्स्ट, वर्ड या पेजमेकर आदि फ़ाइल के रूप में भेजी जा सकेंगी, परंतु चित्र/पीडीएफ फ़ाइल के रूप में प्राप्त, अन्य स्वरूपों में लिखी, स्क्रीनशॉट, ऑडियो, लिंक, आदि के रूप में भेजी गई रचनाओं पर विचार नहीं किया जाएगा व ऐसी प्रविष्टियाँ स्वतः अयोग्य मानी जावेंगी।

5 – रचनाकार में इस आयोजन के लिए एक लेखक के द्वारा, एकाधिक बार में, एक से अधिक, परंतु अधिकतम 5 लघुकथाएँ प्रकाशनार्थ भेजी जा सकती हैं, परंतु शब्द सीमा का ध्यान रखें, और लघुकथाएँ 500 शब्दों से अधिक नहीं हों तो बेहतर।  परंतु एक लेखक को सिर्फ एक ही पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. किसी भी रचना को बिना कोई कारण बताए स्वीकृत-अस्वीकृत करने का सर्वाधिकार निर्णायक मंडल व संपादक मंडल के पास होगा व सभी पक्षों को मान्य व बाध्यकारी होगा. एक पुरस्कृत लघुकथा में किन तत्वों का समावेश होता है यह जानने के लिए लघुकथा.कॉम पर प्रकाशित इन आलेखों [ 1 रचनात्मकता की उष्मा से अनुस्यूत पुरस्कृत लघुकथाएँ , 2 लघुकथा की विधागत शास्त्रीयता और पुरस्कृत लघुकथाएँ, 3 लघुकथा में शिल्प की भूमिका ] का अध्ययन मनन करें व तदनुसार ही अपनी लघुकथाओं का सृजन करें व प्रतियोगिता हेतु प्रेषित करें. वर्तनी की जांच कर वर्तनी त्रुटि रहित रचनाएँ ही भेजें, अत्यधिक वर्तनी त्रुटि युक्त रचनाएँ स्वतः अयोग्य मानी जावेंगी.

6 – रचनाएँ भारतीय समयानुसार अंतिम तिथि - 31 जनवरी 2019 तक प्रेषित की जा सकती हैं. रचनाएँ प्राप्त होने के उपरांत उन्हें समय समय पर, यथासंभव शीघ्रातिशीघ्र रचनाकार.ऑर्ग पर प्रकाशित किया जाता रहेगा. अंतिम तिथि के बाद मिली प्रविष्टियाँ स्वतः अयोग्य मानी जायेंगी।

7 – परिणामों की घोषणा मार्च 2019 के प्रथम सप्ताह में की जाएगी. अपरिहार्य कारणों से परिणाम घोषणा की तिथि में बदलाव संभव है।

8 – समय समय पर इन नियमों में परिवर्तन किए जा सकते हैं जो कि सभी पक्षों के लिए मान्य व बाध्यकारी होंगे. अद्यतन नियमों, नई सूचनाओं या अपडेट के लिए रचनाकार के पृष्ठ (http://www.rachanakar.org/2018/10/2019.html) को नियमित अंतराल पर देखते रहें।

9 - इस आयोजन हेतु प्राप्त रचनाओं के प्रकाशन के एवज में किसी तरह का पारिश्रमिक देय नहीं है।  कुछ पुरस्कृत, विशिष्ट व चुनिंदा रचनाओं को अन्यत्र प्रिंट की पत्रिकाओं में भी प्रकाशित किया जा सकेगा, जिसके एवज में किसी भी तरह के पारिश्रमिक भुगतान का प्रावधान नहीं है।  ध्येय है नव सृजन व पठन-पाठन को प्रोत्साहित करना।


रचनाकार में समय समय पर अन्य तमाम लेखकों की लघुकथाएँ पूर्व की तरह प्रकाशित होती रहेंगी, मगर पुरस्कार चयन में सिर्फ वही लघुकथाएँ शामिल मानी जाएंगी जिन्हें विशेष रूप से इस आयोजन के लिए स्पष्टतः भेजा जाएगा और उसमें नीचे दिया गया घोषणा पत्र आवश्यक रूप से शामिल किया गया होगा -

प्रमाणपत्र
प्रमाणित किया जाता है कि संलग्न लघुकथा जिसका शीर्षक ....... है, मौलिक, अप्रकाशित व अप्रसारित है, तथा इसे रचनाकार.ऑर्ग ( http://rachanakar.org ) में लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन 2019 में सम्मिलित करने हेतु प्रेषित किया जा रहा है. मुझे रचनाकार.ऑर्ग की तमाम शर्तें, उनके निर्णय समेत, मान्य होंगी.

ऊपर अंकित प्रमाण पत्र को रचना भेजते समय रचना में अथवा ईमेल में शामिल करना आवश्यक है.

रविवार, 2 दिसंबर 2018

लघुकथा प्रतियोगिता - हिन्दी चेतना

हिन्दी चेतना द्वारा लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।  इसमें अप्रकाशित और अप्रसारित (ब्लॉग/ वेब/ वाट्स एप / फेसबुक आदि पर भी प्रसारित न हों) अधिकतम दो लघुकथाएँ (एक ही फाइल में)
10 दिसम्बर 2018 तक आमंत्रित हैं।


  • रचनाएँ  इस मेल पर भेजी जाएँ- shiamtripathi@gmail.com
  • ई मेल के विषय कॉलम में ‘लघुकथा- प्रतियोगिता’ लिखा होना चाहिए। 
  • दोनों लघुकथाएँ यूनिकोड (मंगल) या कृतिदेव में होनी चाहियें। 
  • लघुकथा में सबसे ऊपर अप्रकाशित और अप्रसारित की घोषणा के साथ पूरा नाम,डाक का पिनकोड सहित पूरा पता और ई मेल लिखा होना चाहिए।  परिचय या फोटो न भेजा जाए। 
  • भाषा की अशुद्धियों वाली रचना पर विचार नहीं किया जाएगा .पीडीफ या फोटो के रूप में कोई रचना स्वीकार नहीं की जाएगी. 

प्रथम पुरस्कार( कैनेडा की मुद्रा में ) 100 डॉलर , द्वितीय 50 डॉलर और तृतीय पुरस्कार 25 डॉलर होगा.

6.पुरस्कृत रचनाओं को हिन्दी चेतना के किसी  अंक में प्रकाशित किया जाएगा, जिसका कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा .

श्याम त्रिपाठी-संरक्षक और मुख्य सम्पादक हिन्दी चेतना
http://hindichetna.com/
एवं सम्पादक मंडल