मासिक काव्य गोष्ठी में मधु गोयल के लघुकथा संग्रह थरथराती बूंद का विमोचन
Dainik Jagaran | 10 Dec 2018
कैथल/10 Dec 2018: साहित्य सभा की मासिक काव्य गोष्ठी साहित्यकार हरिकृष्ण द्विवेदी की अध्यक्षता में आरकेएसडी कॉलेज में हुई। संचालन रिसाल जांगड़ा ने किया। गोष्ठी शुरू करने से पहले साहित्यकार डॉ. ते¨जद्र के शोध प्रबंध ¨हदी गजल एवं अन्य काव्य विधाएं, प्रो. अमृत लाल मदान के उपन्यास एक और त्रासदी व मधु गोयल के लघुकथा संग्रह थरथराती बूंद का विमोचन किया गया। इसके साथ-साथ महेंद्र पाल सारस्वत की भजनोपदेश माला, सदाबहार श्रीमद भागवत गीता व हरीश झंडई के काव्य संग्रह ढलते सूरज की किरणें का भी विमोचन किया गया। इसके बाद गोष्ठी शुरू करते हुए र¨वद्र रवि ने कहा कि फैंक दो दरिया के बीचों बीच मुझको, मैं अपने बाजू आजमाना चाहता हूं। सतपाल शर्मा शास्त्री ने कहा कि आप्पे जे ना सुधरैगा तू, जीवन व्यर्थ गुजारैगा तू। रामफल गौड़ ने कहा कि के औकात बता माणस की, पत्थर न भी होसै घिसणा। इसके अलावा कमलेश शर्मा, डॉ. प्रद्युम्न भल्ला, रिसाल जांगड़ा, शमशेर ¨सह कैंदल, सतबीर जागलान, उषा गर्ग व चंद्रकांता ने विचार प्रस्तुत किए।
News Source:
https://www.jagran.com/haryana/kaithal-release-of-literary-works-done-at-monthly-poetry-symposium-18732724.html
Dainik Jagaran | 10 Dec 2018
कैथल/10 Dec 2018: साहित्य सभा की मासिक काव्य गोष्ठी साहित्यकार हरिकृष्ण द्विवेदी की अध्यक्षता में आरकेएसडी कॉलेज में हुई। संचालन रिसाल जांगड़ा ने किया। गोष्ठी शुरू करने से पहले साहित्यकार डॉ. ते¨जद्र के शोध प्रबंध ¨हदी गजल एवं अन्य काव्य विधाएं, प्रो. अमृत लाल मदान के उपन्यास एक और त्रासदी व मधु गोयल के लघुकथा संग्रह थरथराती बूंद का विमोचन किया गया। इसके साथ-साथ महेंद्र पाल सारस्वत की भजनोपदेश माला, सदाबहार श्रीमद भागवत गीता व हरीश झंडई के काव्य संग्रह ढलते सूरज की किरणें का भी विमोचन किया गया। इसके बाद गोष्ठी शुरू करते हुए र¨वद्र रवि ने कहा कि फैंक दो दरिया के बीचों बीच मुझको, मैं अपने बाजू आजमाना चाहता हूं। सतपाल शर्मा शास्त्री ने कहा कि आप्पे जे ना सुधरैगा तू, जीवन व्यर्थ गुजारैगा तू। रामफल गौड़ ने कहा कि के औकात बता माणस की, पत्थर न भी होसै घिसणा। इसके अलावा कमलेश शर्मा, डॉ. प्रद्युम्न भल्ला, रिसाल जांगड़ा, शमशेर ¨सह कैंदल, सतबीर जागलान, उषा गर्ग व चंद्रकांता ने विचार प्रस्तुत किए।
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