लघुकथा वीडियो की श्रंखला में प्रस्तुत है हरिशंकर परसाई जी की लघुकथा - मित्रता।
दो विरोधी जब किसी तीसरे के विरोध में उतर आते हैं तो आपस में मित्र बन जाते हैं। सामान्य कार्यालय कर्मचारियों से लेकर देश के बड़े-बड़े राजनीतिक दलों की स्थिति इस एक मिनट से भी कम समय की लघुकथा में परसाई जी ने कह दी है। आइये शिखा त्रिपाठी जी के स्वर में सुनें इसे।
दो विरोधी जब किसी तीसरे के विरोध में उतर आते हैं तो आपस में मित्र बन जाते हैं। सामान्य कार्यालय कर्मचारियों से लेकर देश के बड़े-बड़े राजनीतिक दलों की स्थिति इस एक मिनट से भी कम समय की लघुकथा में परसाई जी ने कह दी है। आइये शिखा त्रिपाठी जी के स्वर में सुनें इसे।
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