Vibhor विभोर चैनल पर "बोलती लघुकथाएँ" में तेजवीर सिंह 'तेज' जी की लघुकथा "जन्मदिन का केक"
तेजवीर सिंह 'तेज' जी की पहली लघुकथा 13 जुलाई 2015 को ओपन बुक्स ऑनलाइन (OBO) पर प्रकाशित हुई थी। प्रस्तुत लघुकथा "जन्मदिन का केक" में एक बूढ़े पिता की व्यथा को प्रदर्शित किया गया है। बेटा उसे अपनी कोठी में बने आउट हाउस में रखता है, एक शाम कर्नल बेटे के घर में पार्टी चल रही होती है तो बूढ़े पिता को खाना देना ही भूल जाते हैं । अगले दिन अर्दली से पता चलता है की रात को जन्मदिन की पार्टी थी तो स्मृति में उसे अपना जन्मदिन याद आता है, ख़ुशी होती है, लेकिन जैसे ही बूढ़े पिता को पता चलता है कि जन्मदिन की पार्टी तो बेटा अपने कुत्ते की मना रहा था तो उसको मीठा केक भी कड़वा लगने लगता है|
तेजवीर सिंह जी बहुत ही सदे हुए लघुकथाकार हैं और उनकी लघुकथाएं बहुत ही उम्दा होती हैं । आपने बहुत ही शानदार ढंग से प्रस्तुत की। हार्दिक बधाई आप सभी को ।
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रयास है।
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रयास है। - राजेश उत्साही
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कथा
जवाब देंहटाएंसभी आदरणीय साहित्यिक विभूतियों का हार्दिक आभार।
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