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शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019

गर्व (लघुकथा)

पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों की स्मृति में

साथियों बहुत दुखी मन से लिख रहा हू, कल पुलवामा में जिस तरह हमारे जवानों पर हमला किया गया, वह कृत्य निंदनीय ही नहीं बल्कि बदला लेने के योग्य है। यह लघुकथा कहते हुए कितनी ही बार आँसू आए और कितनी ही बार सूख भी गए। शहीद जवानों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि देते हुए समर्पित...

गर्व (लघुकथा)


पूरे देश की जनता के रक्त में उबाल आ रहा था। एक आतंकवादी ने 200 किलोग्राम विस्फोटक एक कार में रखकर सेना के जवानों से भरी बस से वह कार टकरा दी और देश के 40 सैनिक शहीद हो गए थे।

सेना के हस्पताल में भी हड़कंप सा मच गया था। अपने दूसरे साथियों की तरह एक मेजर जिसके जवान भी शहीद हुए थे, बदहवास सा अपने सैनिकों को देखने हस्पताल के कभी एक बेड पर तो कभी दूसरे बेड पर दौड़ रहा था, अधिकतर को जीवित ना पाकर वह व्याकुल भी था। दूर से एक बेड पर लेटे सैनिक की आँखें खुली देखकर वह भागता हुआ उसके पास डॉक्टर को लेकर पहुंचा। डॉक्टर उस सैनिक की जाँच ही रहा था कि वह सैनिक अपने मेजर को देखकर मुस्कुराया। मेजर उसके हाथ को सहलाते हुए बोला, "जल्दी ठीक हो जाओ, सेना को तुम्हारी जरूरत है, अभी हमें बहुत कामयाबियाँ साथ देखनी हैं।"

कुछ समय पहले से ही होश में आया वह सैनिक आसपास हो रही बातों को भी सुन चुका था, वह फिर मुस्कुराया और इस बार उसकी मुस्कुराहट में गर्व भरा था। उसी अंदाज़ में वह सैनिक बोला, "सर... हम तो कामयाब हो गए... हमें दुश्मन का 200 किलो आरडीएक्स... बर्बाद करने में... कामयाबी मिली है।"

और मेजर के आँखों में भी गर्व आ गया


- डॉ. चंद्रेश कुमार छ्तलानी

14 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-02-2019) को "चूहों की ललकार." (चर्चा अंक-3249) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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    शहीदों के नमन के साथ...।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. बहुत-बहुत आभार डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी।

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  2. हृदयभेदती घटना पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

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  3. ufff...
    सर... हम तो कामयाब हो गए... हमें दुश्मन का 200 किलो आरडीएक्स... बर्बाद करने में... कामयाबी मिली है।
    Jai Hind ki sena

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  4. आँखें भर आईं बहुत मार्मिक कथा ।

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  5. हमें गर्व है अपनी सेना पर

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  6. भावेश शुक्ला17 फ़रवरी 2019 को 9:01 pm बजे

    हमारी सेना विश्व की बेहतरीन सेना

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