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रविवार, 17 फ़रवरी 2019

पुस्तक समीक्षा | माँ पर केंद्रित 101 लघुकथाएं | राजकुमार निजात | समीक्षा : कृष्णलता यादव



लघुकथाओं में ममता की हृदयस्पर्शी आभा

पुस्तक : माँ पर केंद्रित 101 लघुकथाएं
लेखक : राजकुमार निजात 
प्रकाशक : समर प्रकाशन, जयपुर 
पृष्ठ संख्या : 224 
मूल्य : रु.200
समीक्षा : कृष्णलता यादव 

समीक्ष्य कृति ‘मां पर केंद्रित 101 लघुकथाएं’, बहुचर्चित व्यक्तित्व राजकुमार निजात का सद्य प्रकाशित लघुकथा संग्रह है। इनमें मां, दादी और परदादी की गरिमामयी उपस्थिति दर्ज़ हुई है। स्वयं लेखक के शब्दों में– अनेकानेक विषयों को लेकर बेशक सैकड़ों लघुकथा-संग्रह व संकलन प्रकाश में आए हैं लेकिन मां को लेकर एक समग्र लघुकथा-संग्रह अभी तक प्रकाश में नहीं आया है।

इन लघुकथाओं में लेखक मां के हृदय की सूक्ष्म से सूक्ष्म तरंग को संवेदना की बांधनी से बांधने में सफल रहे हैं, कुछ इस प्रकार से कि कुपुत्र पढ़े तो उसके दिलो-दिमाग में भी बिजली-सी कौंधे कि क्या मेरी मां भी इतनी ही उदारदिल है? निश्चय ही, उसे उत्तर ‘हां’ में मिलेगा। फलस्वरूप एक चाह कुलबुलाएगी और उसे खींच ले जाएगी, भुला-बिसरा दी गई मां की गोद में। सामूहिक चिंतन-मनन के लिए चंद ज्वलंत प्रश्न उभरकर आए हैं यथा वात्सल्य से भरपूर मां के लिए संतान के पास समय क्यों नहीं होता? क्या संतान के लिए बिजनेस ही सब कुछ है? मूल स्वर यह कि मां के पवित्र रिश्ते के प्रति जो जीवन मूल्य कहीं खो गए हैं, उनकी पुनर्स्थापना हो।
मां के ममतालु सागर की उत्ताल तरंगों संग पाठक अठखेलियां करता है। अपनी संतान के लिए मां गर्भनाल से लेकर अपना वंश चलने तक अन्नपूर्णा की भूमिका निभाती रहती है। इसलिए कहा है– आज तक कौन चुका सका है, मां के अहसान। ‘मां के प्यार को कभी आंकना मत, हार जाओगे,’ उक्ति मर्म को छूती है। मां प्रत्याशा नहीं जानती। वह हर हाल में खुश है; उसकी खुशी बेमिसाल है। संतान को यह समझ आना बड़ी बात है कि मां के आशीषों में सर्वस्व समाया है। यदि इनसे झोली भर जाए तो दुनिया की सारी दौलत बेमानी हो जाती है।
भले ही लघुकथा विशेषज्ञ कुछ लघुकथाओं के शिल्प, कलेवर, शीर्षक चयन, वाक्य विन्यास, कथानक की गत्यात्मकता, काल दोष को लेकर नाक-भौं सिकोड़ें परन्तु भावों की रमणीयता इन पर भारी पड़ती है।

Source:
https://www.dainiktribuneonline.com/2019/02/%E0%A4%B2%E0%A4%98%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%93%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A4%AE%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%83%E0%A4%A6%E0%A4%AF/
Posted On February - 17 - 2019

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-02-2019) को "कश्मीर सेना के हवाले हो" (चर्चा अंक-3252) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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