आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (13-02-2019) को "आलिंगन उपहार" (चर्चा अंक-3246) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ही सुंदर कथा। मराठी कथाओं में एक खास भाव होता है जो सीधे दिल मे उतरता है। इनकी लघुकथा के मानक हमारे तय किये मानकों से थोड़े भिन्न होते हैं। इसका बात का अहसास इस लघुकथा मे भी होता है। इसमें स्थिति का विस्तृत वर्णन है जो अमूमन हम थोड़ा कम करने के लिए कहते हैं लेकिन यही इन मराठी कथाओं का सौन्दर्य है। दिल को छूने वाली कथा। आभार इस कथा के लिए।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (13-02-2019) को "आलिंगन उपहार" (चर्चा अंक-3246) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हार्दिक आभार आदरणीय।
हटाएंअगर इसका हिंदी अनुवाद साथ मे कहीं होता तो ..
जवाब देंहटाएंअच्छी रचनाएँ अलग-अलग भाषाओं में समय के साथ अनुवाद हो ही जाती हैं। उम्मीद है इसका हिन्दी अनुवाद भी हम जल्द ही पाएंगे।
हटाएंबहुत ही सुंदर कथा।
जवाब देंहटाएंमराठी कथाओं में एक खास भाव होता है जो सीधे दिल मे उतरता है।
इनकी लघुकथा के मानक हमारे तय किये मानकों से थोड़े भिन्न होते हैं। इसका बात का अहसास इस लघुकथा मे भी होता है। इसमें स्थिति का विस्तृत वर्णन है जो अमूमन हम थोड़ा कम करने के लिए कहते हैं लेकिन यही इन मराठी कथाओं का सौन्दर्य है।
दिल को छूने वाली कथा।
आभार इस कथा के लिए।
हार्दिक आभार आदरणीया अनघा जोगलेकर जी।
हटाएंइस डिजिटल प्रयास के लिए आप साधुवाद के पात्र हैं।
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