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रविवार, 22 दिसंबर 2019

लघुकथा समाचार: फेसबुक पर लघुकथा आयोजन 2020


नमस्ते!!!

साहित्य की अपेक्षाकृत नवीन विधा लघुकथा शीघ्रता से अपने पंख फैलाते हुये व्योम की ऊँचाई को छूने का प्रयास कर रही है। इसमें लघुकथा के तमाम पुरोधाओं के साथ सभी समूहों का योगदान है और सब अपने अपने तरीके से यथासम्भव लघुकथा के विकास हेतु प्रतिबद्ध हैं।

हम (दिव्या राकेश शर्मा,  चित्रा राणा राघव, कुमार गौरव, वीरेंद्र वीर मेहता, नेहा शर्मा और मृणाल आशुतोष) समस्त लघुकथा परिवार की ओर से एक वृहद आयोजन लेकर आप सबके समक्ष उपस्थित हुये हैं जिसमें हम सभी समूहों की सामुहिक भागीदारी सुनिश्चित हो। इस आयोजन को हमने
#लघुकथा_आयोजन_2020 की संज्ञा दी है।

आयोजन का लक्ष्य अधिकाधिक लघुकथाप्रेमियों तक  पहुँचने का प्रयास है और आयोजन में आयी श्रेष्ठ लघुकथाओं का चयन करना है।

वरिष्ठ लेखक अगर इस आयोजन का हिस्सा बनें तो हमें अति प्रसन्नता होगी और इससे आयोजन की महत्ता बढ़ेगी।

श्रेष्ठ रचनाओ के चयन हेतु कुछ नियम निर्धारित किये गए हैं जिनका अनुपालन अनिवार्य है।

1.रचना मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित और अप्रसारित होनी चाहिए। सोशल साइट्स, वेबसाइट आदि पर प्रकाशित रचना भी कतई मान्य नहीं होंगी।

2.आयोजन का समय भारतीय समयानुसार 1 जनवरी 2020 प्रातः 8 बजे से  20 जनवरी 2020 रात्रि10 बजे तक रहेगा।

3. एक रचनाकार दो और अधिकतम दो रचना आयोजन में भेज सकते हैं। वह किसी भी समूह में पोस्ट कर सकते हैं। एक समूह में केवल एक ही रचना पोस्ट कर सकते हैं। अन्यथा रचनाकार आयोजन से पृथक माने जाएंगे।

4. रचना के शीर्ष में #लघुकथा_आयोजन_2020
नाम शहर का नाम एवम मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित और अप्रसारित अंकित करना नितांत अनिवार्य है। आयोजन में पोस्ट की हुई रचना  परिणाम आने तक आयोजन के इतर रचना कहीं न तो पोस्ट की जा सकती है और न ही कहीं पत्र-पत्रिका/वेबसाइट में भेजी जा सकती है।  अन्यथा वह रचना आयोजन का हिस्सा नहीं बन सकेगी।

5.रचना पटल पर डालने के पश्चात न तो संपादित(एडीट) और न ही डिलिट की जा सकती है ऐसा करने पर रचनाकार आयोजन  से बाहर हो माने जाएंगे एवम यदि उसकी जगह दूसरी रचना प्रेषित करने का प्रयास किया गया तो आयोजन समिति को रचना स्वीकृत (अप्रूव) न करने एवम डिलिट करने का सम्पूर्ण अधिकार होगा।

6 20 जनवरी के पश्चात 30 जनवरी 2020 तक प्रत्येक समूह के एडमिन समिति अपने समूह से न्यूनतम 5 अधिकतम 10 श्रेष्ठ रचनाओं का चयन कर हम आयोजन मंडल को देंगे। समूह से एक लेखक की एक और केवल एक ही रचना का चयन किया जा सकता है। यहाँ समूह के एडमिन के लघुकथा के प्रति प्रतिबद्धता सामने आयेगी।

7 एडमिन अपने समूह में रचना भेजने से वंचित रहेंगे। वह दूसरे समूह में अपनी रचना भेज सकते हैं।

8 जो लेखक किसी भी समूह में सक्रिय नहीं है किंतु इस आयोजन में भाग लेना चाहते हैं तो वह अपने वाल पर आयोजन के अन्य सभी नियमो का पालन करते हुये आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं। इस आयोजन हेतु पोस्ट किए रचना पर इस आयोजन मंडल के दो सदस्यों को मेंशन जरूर करें।

9. रचनाकारों से सविनय निवेदन है कि रचना पोस्ट करने से पहले नियमावली को ध्यानपूर्वक पढ़े। तदुपरांत ही रचना पोस्ट करें।

10. सभी समूह से रचना प्राप्त होने के पश्चात रचनाओं को लघुकथा के दो मर्मज्ञ के पास निर्णय  हेतु भेजा जायेगा।

11. #प्रथम_पुरस्कार-3100 ₹ और मधुदीप निर्देशित पड़ाव पड़ताल के पांच खण्ड
#द्वितीय_पुरस्कार- 2100₹ और पड़ाव पड़ताल के पांच खण्ड
#तृतीय_पुरस्कार -1100₹ और पड़ाव पड़ताल के पांच खण्ड
इसके अतिरिक्त सात अन्य लेखकों को प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में लघुकथा की दो प्रतिष्ठित पुस्तक दी जाएगी।

12. सभी समूहों के एडमिन से विनम्र निवेदन है कि इस आयोजन में सहभागी बनें और अपने आपको इस पोस्ट में टैग समझें। इस पोस्ट को अपने समूह में पोस्ट करें और इसे पिन कर लें। तथा आयोजन के अंतराल में रचनाकारों को रचना पोस्ट में मार्गदर्शन करें।

13. इन नियमों के विरुद्ध जाने पर उत्पन्न वाद विवाद  पर आयोजन मंडल का निर्णय ही अंतिम और सर्वोमान्य होगा। इसे किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।

सभी मित्रों से निवेदन है कि इस पोस्ट को कॉपी पेस्ट कर अपने वाल पर स्थान दें ताकि अधिकाधिक लघुकथाकार इस आयोजन का हिस्सा बन सकें।

कोई भी संस्था या व्यक्ति पुरस्कार का प्रायोजक बनना चाहते हैं तो आयोजन मंडल से सम्पर्क कर सकते हैं

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◆लघुकथा के परिंदे
◆साहित्य संवेद
◆नया लेखन और नया दस्तखत
◆साहित्य प्रहरी
◆साहित्य अर्पण
◆लघुकथा:गागर में सागर
◆सार्थक साहित्य मंच
◆शब्दशः
◆ज़िन्दगीनामा: लघुकथाओं का सफ़र
◆अनुपम साहित्य
◆चिकीर्षा- ग़ज़ल एवम् लघुकथा को समर्पित एक प्रयास
◆क्षितिज
◆फलक (फेसबुक लघुकथाएं)
◆आधुनिक लघुकथाएं

उपर्युक्त समूहों की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
इनमे रचनाकार अपनी रचना पोस्ट कर सकते हैं।
नियमावली को एक बार ध्यान से पढ़ लीजिए।

जैसे जैसे अन्य समूह की स्वीकृति आती जाएगी, साझा किया जाएगा।

■■■(साथियो,
पुरस्कार की राशि मे बढोत्तरी हुई है।
अब प्रथम पुरस्कार 3100₹ और मधुदीप संपादित पड़ाव-पड़ताल के पांच खण्ड
द्वितीय पुरस्कार 2100₹ और मधुदीप संपादित पड़ाव-पड़ताल के पांच खण्ड
तृतीय पुरस्कार 1100₹ और मधुदीप संपादित पड़ाव-पड़ताल के पांच खण्ड

आयोजन की सफलता के बाद इसे एक पुस्तक रूप देने का और विजेताओं को  पुरुस्कार एक समारोह में देने का भी विचार है।

Source:

https://www.facebook.com/groups/437133820382776/permalink/591733908256099/

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (24-12-2019) को    "अब नहीं चलेंगी कुटिल चाल"  (चर्चा अंक-3559)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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    उत्तर
    1. हार्दिक आभार आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी सर।

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