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रविवार, 16 फ़रवरी 2020

शोधकार्य: मेरी कमज़ोर लघुकथा


लघुकथा दुनिया
iBlogger द्वारा Best Indian Hindi Blog से सम्मानित
ब्लॉगर ऑफ द ईयर 2019 का सम्मान प्राप्त
Email: laghukathaduniya@gmail.com, URL: http://laghukathaduniya.blogspot.com
Cell-Phone: 9928544749





सम्माननीय साहित्यकार,
सादर नमस्कार।

आप सभी के महती सहयोग से लघुकथा दुनिया द्वारा लघुकथा पर दो शोधकार्य सम्पन्न किये गये हैं। पहला कार्य लघुकथा के शीर्षक पर लघुकथा लेखकों के दृष्टिकोण, जिसके आधार पर एक शोध पत्र लिखा गया है और प्रकाशन के लिये भेज दिया गया है। दूसरा 'लघुकथा 2020: नए लेखकों की नज़र में', जिसका संकलन कार्य समाप्त हो चुका है और योगराज प्रभाकर जी सर के पास विश्लेषण हेतु भेजा गया है। इनमें सहयोग हेतु आप सभी का हृदय से आभारी हूँ। इसी क्रम को आगे बढाते हुए एक और शोध योजना प्रस्तावित है। आप सभी से निवेदन है कि इसे भी सफल बनावें। यह योजना कुछ इस प्रकार हैः

1. 'मेरी कमज़ोर लघुकथा' नामक यह योजना वरिष्ठ तथा नवोदित दोनों के लिए ही है।

2. इस कार्य में लघुकथा लेखकों से उनकी स्वयं की एक ऐसी रचना देने का निवेदन है जो उनके अनुसार लघुकथा के किसी न किसी (एक अथवा अधिक) पक्ष/पक्षों में कमज़ोर है और जिसे उसी (उन्हीं) कमज़ोरी (कमज़ोरियों) की वजह से प्रकाशित होने नहीं भेजा। उस रचना विशेष को किस वर्ष में लिखने का प्रयास किया गया, यह भी साथ में देवें।

3. रचना के साथ लेखक से एक वक्तव्य भी लिख कर देने का निवेदन है, जिसमें वे अपनी उस लघुकथा की कमज़ोरी/कमजोरियों को इंगित करें। इस हेतु शब्द सीमा आदि लेखक स्वयं ही निर्धारित करें।

4. वरिष्ठ लेखकों से इसमें जुड़ने का विशेष आग्रह है क्योंकि मेरे संज्ञान में अब तक इस विषय पर कार्य नहीं हुआ है, अतः वरिष्ठ लेखकों के अनुभव का लाभ प्राप्त हो तो अति उत्तम।

कार्य का आधार: 

इस प्रस्ताव का आधार यह है कि (कुछ अपवादों को छोड़कर) लगभग हर लेखक/लेखिका ने अपनी कोई न कोई रचना खुद ही रिजेक्ट की है। वे रचनाएं कैसी हैं और लेखक/लेखिका द्वारा उन्हें रिजेक्ट क्यों किया गया है, यह जानने की जिज्ञासा ही इस शोध का आधार बनी है।

कार्य का उद्देश्यः
उपरोक्त विवरण पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि इस कार्य का मुख्य उद्देश्य यह ज्ञात करना है कि लघुकथा लेखन के समय किस तरह की ऐसी कमियां हैं, जो रह जाएं तो रचना को प्रकाशन हेतु नहीं भेजना चाहिये। यदि यह शोध सफल होता है तो लेखकों के नए व्यवहार को भी देखा जा सकता है। यह व्यवहार अपेक्षित है कि लेखक/लेखिका अपनी कमजोर लघुकथाओं को इन लघुकथाओं और वक्तव्य के साथ तुलना कर उन्हें प्रकाशन/प्रसारण को न भेजें।

समय सीमा:
आपकी रचनाएं और वक्तव्य आपके संक्षिप्त परिचय (साहित्यिक परिचय, संपर्क विवरण (डाक का पता, चलभाष (मोबाइल) नंबर, ईमेल आईडी) व चित्र) के साथ 15 मार्च 2020 तक laghukathaduniya@gmail.com पर ईमेल करने का कष्ट करें। ईमेल में विषय "मेरी कमज़ोर लघुकथा" ही रखें। ईमेल निम्न प्रारूप में भेजिए:

नाम (हिंदी और अंग्रेजी में):
संक्षिप्त साहित्यिक परिचय:

संपर्क विवरण
डाक का पता:
चलभाष (मोबाइल) नंबर:
ईमेल आईडी:

रचना का वर्ष: 
रचना (शीर्षक सहित):
वक्तव्य (रचना की कमज़ोरियाँ):

कार्य का आउटपुट:
फिलवक्त एक ई-बुक बनाने का विचार है, जिसके ISBN हेतु अप्लाई कर दिया है।  

टैग लाइन 
इस शोधकार्य में वे सभी लेखक व लेखिकाएं सम्मिलित हैं जो अपने लेखन से समाज की कमज़ोरी इंगित करने के साथ-साथ लेखकीय समुदाय के हित में अपने लेखन की कमज़ोरी को इंगित करने का भी साहस रखते हैं।


इस योजना के अपडेट पाने एवं लघुकथा सम्बन्धी सामग्री पढ़ने हेतु लघुकथा-दुनिया ब्लॉग को फॉलो एवं सब्सक्राइब ज़रूर करें।

साभार,    

For लघुकथा दुनिया 


डॉ0 चन्द्रेश कुमार छतलानी
लघुकथा दुनिया
iBlogger द्वारा Best Indian Hindi Blog से सम्मानित
ब्लॉगर ऑफ द ईयर 2019 का सम्मान प्राप्त
URL: http://laghukathaduniya.blogspot.com   

4 टिप्‍पणियां:

  1. इसे ही तो रिसर्च कहते हैं। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  2. कवि जगत 'शत्रु'19 फ़रवरी 2020 को 9:00 pm बजे

    वाहवाही के दौर में कमजोरी कहलवा रहे हो
    कैसे भगत बने हो जो विधा आगे बढ़ा रहे हो
    :)
    लेकिन भाई जब काम का बीड़ा उठा ही लिया है तो शुभकामनाएं ले लो...
    इस काम का महत्व लोगों को सालों बाद समझ में आएगा...

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  3. स्वर्णा कितावत20 फ़रवरी 2020 को 1:49 pm बजे

    बहुत ही सुंदर कार्य आदरणीय। हार्दिक शुभकामनाएं।

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