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बुधवार, 27 मार्च 2019

लघुकथा वीडियो : संरक्षक | अनघा जोगलेकर | आरजे अमित वधवा

नववर्ष , विक्रम संवत शायद इसीलिए भी मनाया जाता है कि हम अपनी जड़ों से जुड़े रहें, क्योंकि कहा जाता कि जडें ही एक पेड़ की संरक्षक होती हैं,  इंसान के जीवन का संरक्षक कौन होते हैं ? आज इस नववर्ष पर इस कहानी के साथ सुनिये - समझिये उनका महत्व।



रविवार, 24 मार्च 2019

लघुकथा समाचार: साझा लघुकथा संग्रह 'कथांजलि' का विमोचन

नवभारत टाइम्स | Updated:Mar 23, 2019, 06:30AM IST

एनबीटी, लखनऊ : काव्या साहित्यिक संस्था की ओर से साझा काव्य संग्रह 'काव्या' और साझा लघु कथा संग्रह 'कथांजलि' का शुक्रवार को विमोचन हुआ। निशातगंज स्थित कैफी आजमी अकादमी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान काव्य गोष्ठी भी हुई। निवेदिता श्रीवास्तव और विजय राज श्रीवास्तव के संयोजन में हुए आयोजन की अध्यक्षता मिथिलेश दीक्षित ने की। इस मौके पर कोलकाता से आई निशा कोठारी, अलका प्रमोद, मंजुल मंजर, दीप्ति भारती, मीतू मिश्रा, कविता गुप्ता, भूपेन्द्र दीक्षित, मुकेश कुमार मिश्र ने अपनी रचनाएं सुनाईं। इस मौके पर मुख्य अतिथि अमिता दुबे और विशिष्ट अतिथि ओम नीरव, चंद्रशेखर वर्मा, शिव मंगल सिंह, विजयराज श्रीवास्तव मौजूद रहे।



Source:
https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/lucknow/other-news/released-kaavi-and-kathanjali/articleshow/68528478.cms

ईबुक | और गंगा बहती रही (सिंधी लघुकथाओं का हिन्दी अनुवाद) | देवी नागरानी


शनिवार, 23 मार्च 2019

पहली महिला लघुकथा-लेखिका


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अनिल शूर आज़ाद जी की फेसबुक वॉल से 

हरियाणा - 'आधुनिक हिंदी लघुकथा' के प्रतिष्ठित केंद्रों में एक है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि पहली महिला लघुकथा-लेखिका भी हरियाणा से ही रही हैं। जी हां, यहां हरियाणा के फतेहाबाद में 12नवम्बर 1913 को जन्मी लेखिका श्रीमती इंद्रा स्वप्न की बात की जा रही है। इन्होंने सत्तर के दशक में दर्जनों बढ़िया लघुकथाएं लिखी थीं। इनमें अनेक तत्कालीन पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुई। ग्रामीण परिवेश की आम गृहिणी होते हुए इन्होंने बाईस उपन्यास, तीन कहानी- संग्रह तथा चालीस से अधिक बालसाहित्य की कृतियों की भी रचना की थी।

इनका पहला लघुकथा-संग्रह इनकी मृत्यु के बीस वर्ष के पश्चात वर्ष 2017 में, जानेमाने साहित्यकार डॉ मधुकांत के साथ संयुक्त रूप में "101 प्रतिनिधि लघुकथाएं" शीर्षक से प्रकाशित हुआ। इसमें इंद्रा जी की पचास लघुकथाएं शामिल हैं।

पाठकों के संदर्भ के लिए यहां, इनकी एक लघुकथा प्रस्तुत की जा रही है।
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_लघुकथा _
शिक्षा
*इंद्रा स्वप्न

"देखो बेटा, सिगरेट पीना बहुत बुरा है..अच्छे बच्चे ऐसी गंदी वस्तुओं को हाथ नहीं लगाते।" हरीश ने अपने भतीजे बब्बू को समझातेे हुए कहा, " मैंने तुम्हें कभी सिगरेट पीते देखा तो अच्छा नहीं होगा।"
"समझ गया चाचाजी, सचमुच गंदे मनुष्य ही सिगरेट पीते हैं।" कहते बब्बू चला गया।
दूसरे दिन हरीश सिगरेट पीने अपने कमरे में पहुंचा, मेज पर सिगरेट की डिब्बी नहीं थी। एक कागज का टुकड़ा पड़ा था, जिसपर लिखा था "चाचाजी, सिगरेट गंदे मनुष्य पीते हैं अच्छे नहीं..इसलिए आपकी सिगरेट की डिब्बी सिगरेटों सहित कूड़ेदान में फेंक दी है।"
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आधुनिक हिंदी लघुकथा शोधपीठ, नई दिल्ली के सौजन्य से प्रस्तुत। संपर्क : अनिल शूर आज़ाद - 9871357136

Source: https://www.facebook.com/photo.php?fbid=519966321742670&set=a.167832916956014&type=3&theater