यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 16 जनवरी 2019

लघुकथा वीडियो

विश्व पुस्तक मेला में यश पब्लिकेशन्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम "लघुकथा पाठ" में 
वरिष्ठ लघुकथाकार डॉ. बलराम अग्रवाल का लघुकथा पाठ एवं उनसे बातचीत




लघुकथा समाचार : मातृभारती.कॉम द्वारा आयोजित लघुकथा संकलन "स्वाभिमान" का लोकार्पण



मातृभारती.कॉम द्वारा आयोजित लघुकथा संकलन "स्वाभिमान" का  लोकार्पण

11 जनवरी 2019 को  मातृभारती.कॉम आयोजित राष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता में विजयी ५० श्रेष्ठ लघुकथाओं को पुस्तक स्वरूप देकर पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम रखा गया। लघुकथा संकलन का नाम स्वाभिमान दिया गया है और इसे प्रकाशित किया है वनिका पब्लिकेशन्स ने।

इस मौके पर देश के विभिन्न राज्यों से आए लघुकथाकारों ने अपनी अपनी लघुकथाओं का पाठ किया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ कथाकार श्री सुभाष नीरव, वरिष्ठ लघुकथाकार व आलोचक श्री जितेंद्र जीतू और प्रकाशक श्रीमती नीरज सुधांशु। कार्यक्रम का सफल  संचालन किया कवयित्री व लेखिका श्रीमती नीलिमा शर्मा जी ने। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मातृभारती.कॉम के फाउंडर श्री महेंद्र शर्मा जी ने उपस्थित महमानों का स्वागत किया और साथ ही लघुकथा लेखकों और लेखिकाओं का उत्साह बढ़ाया। साथ ही इस दिन यानी 11 जनवरी को प्रति वर्ष लघुकथा स्वाभिमान दिवस के तौर पर मनाने का प्रस्ताव भी रखा।

श्री सुभाष नीरव जी ने अपनी लघुकथा यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि इस विषय पर प्रतियोगिताओं का होना एक उत्तम कार्य है, प्रतियोगिताओं के माध्यम से ही श्रेष्ठ लेखकों को पाठकों के समक्ष लाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने लघुकथा लेखकों व नवोदितों के लिए एक वर्कशॉप करने का प्रस्ताव भी रक्खा।

श्री जितेंद्र जीतू जी, जो इस प्रतियोगिता के निर्णायक भी रहे, उन्होंने अपने मन्तव्य प्रेक्षकों के समक्ष रक्खे। श्रेष्ठ लघुकथाओं का समीक्षात्मक मूल्याकन करके कथाएं क्यों सर्वश्रेष्ठ रही यह बताया ।

प्रतियोगिता में 5 सर्वश्रेष्ठ कथाओं को सम्मान दिया गया जिसमें
भगवान वैद्य
डॉ.आर बी भंडारकर
रत्न कुमार सांभरिया
प्रदीप मिश्र
शोभा रस्तोगी शामिल हैं।

श्रीमती नीरज सुधांशु ने अपनी प्रकाशक व निर्णायक की भूमिका के बारे में प्रेक्षकों को अवगत कराया व साथ ही प्रतियोगिता के विषय के अनुरूप लेखन को योग्य बताया। विषय व समय मर्यादा के साथ लिखकर ही लेखक एक उत्कृष्ट रचना का सर्जन कर सकता है।

कार्यक्रम के अंत मे श्री नीलिमा शर्मा जी ने सभी उपस्थित मेहमानों के प्रति आभार व्यक्त किया और महेंदर शर्मा जी ने भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों को करने का आश्वासन दिया |


Courtesy: thepurvai.com
URL: https://www.thepurvai.com/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%83%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%89%E0%A4%AE-%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A5%8B/

रविवार, 13 जनवरी 2019

सोमवार, 7 जनवरी 2019

लघुकथा समाचार

जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली व नागौर के मूल निवासी लघुकथाकारों हेतु एक संकलन की योजना 

जोधपुर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) जोधपुर की ओर से राजभाषा के प्रति जागरूकता व इसे बढ़ावा देने में विशिष्ट योगदान देने वाले स्थानीय व प्रादेशिक साहित्यकारों से उनकी गद्य, पद्य और कथेतर रचनाओं का संकलन प्रकाशित किया जाएगा। इस साझा पुस्तक का विमोचन देश के विख्यात साहित्यकारों की मौजूदगी में वार्षिक राजभाषा समारोह जून में किया जाएगा। नराकास के अध्यक्ष केसी पाठक के अनुसार इस पुस्तक में अपनी रचनाएं प्रकाशित कराने के इच्छुक साहित्यकार 20 जनवरी तक ईमेल से tolic.bobjodhpur@gmail.com पर भेज सकते हैं। समिति की संयोजक बैंक ऑफ बड़ौदा है। पाठक के अनुसार रचनाकार अपनी गद्य कहानी या लघुकथा को अधिकतम 4 पृष्ठ में दो हजार शब्द, पद्य कविता अधिकतम एक पृष्ठ पर 300 शब्द और कथेतर निबंध, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, यात्रावृत्त एवं डायरी अधिकतम तीन पृष्ठ में 1500 शब्द की सीमा में भेज सकते हैं। रचनाएं भेजने वाले साहित्यकार जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली व नागौर के मूल निवासी होने चाहिए। रचनाएं और परिचय एक ही फाइल में भेजनी होगी। अधिक जानकारी के लिए बैंक नराकास सचिव ओमप्रकाश बैरवा से संपर्क किया जा सकता है।

News Source:
https://www.bhaskar.com/rajasthan/jodhpur/news/the-compositions-are-invited-for-publication-in-39contemporary-creation39-book-044032-3572351.html

बुधवार, 2 जनवरी 2019

लघुकथा समाचार: मुकेश तिवारी जी के लघुकथा संग्रह "प्रथम पुष्प' का लोकार्पण



मुकेश तिवारी जी के लघुकथा संग्रह "प्रथम पुष्प' का लोकार्पण 

Indore News - five litterateur of the city honoredसाहित्यकार डॉ एस.एन. तिवारी की स्मृति में श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में इंदौर के पांच साहित्यकारों का सम्मान किया गया। इसमें पदमा राजेंद्र, सुषमा दुबे, देवेंद्रसिंह सिसौदिया, डॉ. दीपा व्यास और विजयसिंह चौहान शामिल हैं। दैनिक भास्कर के पत्रकार विकास सिंह राठौर का भी सम्मान किया गया। लेखक मुकेश तिवारी के लघुकथा संग्रह "प्रथम पुष्प' का लोकार्पण भी किया गया। अध्यक्षता साहित्यकार डॉ. योगेंद्रनाथ शुक्ल ने की। मुख्य अतिथि प्रो. कमल दीक्षित और विशेष अतिथि डॉ. वंदना अग्निहोत्री थे। डॉ. योगेंद्रनाथ शुक्ल ने कहा कि वर्तमान युग तकनीकी का है और इस युग में लोगों को लंबे-लंबे ग्रंथ पढ़ने का समय नहीं है, ऐसे में लघुकथाएं गागर में सागर का काम करती हैं। एक अच्छी लघुकथा पाठक के दिमाग पर प्रहार करती हैं और कहानी पढ़ने के बाद घंटों सोचने पर मजबूर कर देती है। संचालन नियोति दुबे ने किया। 

कार्यक्रम में पदमा राजेंद्र, सुषमा दुबे, देवेंद्रसिंह सिसौदिया, डॉ. दीपा व्यास और विजयसिंह चौहान को सम्मानित किया गया। 

News Source:

https://www.bhaskar.com/mp/indore/news/five-litterateur-of-the-city-honored-033117-3554250.html

गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

लघुकथा विधा पर हाइकु

स्वर्गीय श्री पारस दासोत ने  लघुकथा विधा पर हाइकु रच कर नए प्रयोग किए थे।  प्रस्तुत है उनके द्वारा कहे गए लघुकथा विधा पर कुछ हाइकु:


लघुकथा में,
है चली कथा, तार
शोर न मचा।
स्याही सोख है
है लघुकथा कथा
, बूँद डाल।
लघुकथा है,
है अपना पैमाना
लघुकथा में।

घटना डूबी
निकली लघुकथा
आइना बन। .

बूँद है कथा
तू ढूंढ ले सागर
है लघुकथा।

है लघुकथा,
तेरी मेरी उसकी
बात की कथा।


करती कथा
लघुकथा घर में
कथा संघर्ष।


पैसा नहीं है
है यह लघुकथा,
इसे न फैला।


निगाहें उठा,
आखों से खूँ बहाना
है लघुकथा।


लघु है कथा
फालतू न लिख तू
शब्द, अक्षर।

प्रयोग  तेरे
है लघुकथा तेरी
तेरी कहानी।