अशोक भाटिया करनाल से हैं। हिन्दी में एसोसिएट प्रोफेसर रह चुके हैं, आजकल लेखन और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। आपकी कविता, आलोचना, बाल साहित्य, व्यंग्य, लघु कथा जैसे विषयों पर 13 मौलिक और 15 संपादित पुस्तकें आ चुकी हैं। उनके लघुकथा संग्रह 'क्या क्यूँ कैसे' से लीजिए कुछ लघुकथाएँ सुनिए..
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