प्रसिद्द साहित्यकार राजेंद्र यादव जी ने एक बार कहा था कि "चेखव के बाद मंटो ही थे, जिन्होंने अपनी कहानियों या साहित्य के बल पर अपनी जगह बना ली।"
आइये आज सुनते हैं मंटो की मशहूर लघुकथा "करामात"
courtesy : youtube
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