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मंगलवार, 14 सितंबर 2021

कमज़ोर लघुकथाओं की ई-पुस्तक । विश्व भाषा अकादमी (रजि.)

 सम्माननीय मित्रों,

सादर नमस्कार।


विश्व भाषा अकादमी (रजि.) की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष द्वारा लघुकथाओं पर शोध कार्य किया जा रहा है। इनमें से एक शोध 'कमज़ोर लघुकथाओं' पर पिछले वर्ष प्रारम्भ किया गया था। उस समय 40 लघुकथाकारों द्वारा अपनी कमज़ोर लघुकथा और उस पर लेखकीय वक्तव्य प्राप्त हुआ और उन पर एक शोध पत्र भी लिख लिया गया है।


अब विश्व भाषा अकादमी (रजि.) द्वारा इस कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है।  इसे एक ई-पुस्तक का रूप देने का प्रयास है।


पूर्व के अतिरिक्त अन्य लघुकथाकार भी इस कार्य में जुड़ना चाहें तो स्वागत है। यह प्रयास कुछ इस प्रकार हैः


1. 'मेरी कमज़ोर लघुकथा' नामक यह योजना वरिष्ठ तथा नवोदित दोनों के लिए ही है।


2. इस कार्य में लघुकथा लेखकों से उनकी स्वयं की एक ऐसी रचना देने का निवेदन है जो उनके अनुसार लघुकथा के किसी न किसी (एक अथवा अधिक) पक्ष/पक्षों में कमज़ोर है और जिसे उसी (उन्हीं) कमज़ोरी (कमज़ोरियों) की वजह से प्रकाशित होने नहीं भेजा। उस रचना विशेष को किस वर्ष में लिखने का प्रयास किया गया, यह भी साथ में देवें।


3. रचना के साथ लेखक से एक वक्तव्य भी लिख कर देने का निवेदन है, जिसमें वे अपनी उस लघुकथा की कमज़ोरी/कमजोरियों को इंगित करें। इस हेतु शब्द सीमा आदि लेखक स्वयं ही निर्धारित करें।


4. वरिष्ठ लेखकों से इसमें जुड़ने का विशेष आग्रह है क्योंकि मेरे संज्ञान में अब तक इस विषय पर कार्य नहीं हुआ है, अतः वरिष्ठ लेखकों के अनुभव का लाभ प्राप्त हो तो अति उत्तम।



कार्य का उद्देश्यः

इस कार्य का मुख्य उद्देश्य यह ज्ञात करना है कि लघुकथा लेखन के समय किस तरह की ऐसी कमियां हैं, जो रह जाएं तो रचना को प्रकाशन हेतु नहीं भेजना चाहिये।


समय सीमा:


आपकी रचनाएं और वक्तव्य आपके संक्षिप्त परिचय (साहित्यिक परिचय, संपर्क विवरण (डाक का पता, चलभाष (मोबाइल) नंबर, ईमेल आईडी) व चित्र) के साथ 21 सितम्बर 2021 तक  vba.rajls@gmail.com, vbaindia01@gmail.com  पर ईमेल करने का कष्ट करें। ईमेल में विषय "मेरी कमज़ोर लघुकथा" ही रखें। ईमेल निम्न प्रारूप में भेजिए:


नाम (हिंदी और अंग्रेजी में):


संक्षिप्त साहित्यिक परिचय:


संपर्क विवरण


डाक का पता:


चलभाष (मोबाइल) नंबर:


ईमेल आईडी:


रचना का वर्ष: 


रचना (शीर्षक सहित):


वक्तव्य (रचना की कमज़ोरियाँ):


 साभार,

डॉ. चन्द्रेश कुमार छतलानी

कमज़ोर लघुकथाओं पर एक शोध कार्य पूर्ण


वरिष्ठ व नवोदित लघुकथाकारों के महती सहयोग से 40 कमज़ोर लघुकथाओं पर एक शोध पत्र लिख लिया है। इसे प्रकाशन को अब भेजूंगा। इस हेतु सादर आभार सर्वआदरणीय


अंजली खेर जी, अंजू खरबंदा जी, अनिल नानकराम मकारिया जी भाई, अर्चना तिवारी जी, अर्विना जी, आशीष दलाल जी, उदय श्री ताम्हणे जी, ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' जी, कनक हरलालका जी, कमल कपूर दी, कविता वर्मा जी, चेतना भाटी जी, जगदीश राय कुलरियाँ जी, डॉ. अंजु लता सिंह जी, डॉ. इंदु गुप्ता जी, डॉ. कुमारसम्भव जोशी जी, डॉ. शैल चन्द्रा जी, डॉ. संध्या तिवारी जी, डॉ. सरला सिंह स्निग्धा जी, पम्मी सिंह ‘तृप्ति’जी, पूनम झा जी, पूनम सिंह जी, प्रतिभा श्रीवास्तव अंश जी, माधव नागदा जी सर, मिन्नी मिश्रा जी, मीरा जैन जी, मृणाल आशुतोष जी, योगराज प्रभाकर जी सर, राहिला आसिफ़ खान जी, वन्दना पुणतांबेकर जी, विरेंदर 'वीर' मेहता भाई जी, शशि बंसल गोयल जी, शील कौशिक जी, शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी, सत्या शर्मा ' कीर्ति ' जी, सारिका भूषण जी, सीमा भाटिया जी, सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा जी।


इस कार्य को अब विश्व भाषा अकादमी द्वारा आगे बढा कर एक ई-पुस्तक प्रकाशन का प्रयास किया जा रहा है। उपरोक्त रचनाकार तो हैं ही, उनके अतरिक्त भी कोई अन्य लघुकथाकार चाहें तो सहर्ष जुड़ सकते हैं, आप सभी का स्वागत है। पूर्ण जानकारी निम्न लिंक पर उपलब्ध है:


 https://www.facebook.com/102898151368935/posts/379098470415567/


- डॉ. चन्द्रेश कुमार छतलानी

मंगलवार, 7 सितंबर 2021

फेसबुक समूह साहित्य संवेद में लघुकथा प्रतियोगिता की घोषणा

नमस्कार साथियो,

आपका अपना समूह #साहित्य_संवेद साहित्यिक आयोजन के प्रति सतत कटिबद्ध  है। इसी कड़ी को आगे बढाते हुए एक लघुकथा प्रतियोगिता का आयोजन  सुनिश्चित हुआ है जो कि आम लघुकथा प्रतियोगिताओं से भिन्न है । इसमें प्रतिभागियों को अपनी रचना न भेजकर किसी अन्य लेखक की लघुकथा विस्तृत टिप्पणी के साथ साझा करनी है। प्रतियोगिता को सुचारू बनाने हेतु कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए दिये गए नियमों का पालन करें।

प्रतियोगिता के नियम इस प्रकार हैं:

1. लघुकथा किसी भी अन्य लघुकथाकार की हो सकती है। ऐसी लघुकथा का चयन हो जो सामान्य से भिन्न हो। कथानक, कथ्य, शिल्प के स्तर पर प्रभावित करे।

2. एक प्रतिभागी अधिकतम दो(एक/दो) प्रविष्टि प्रतियोगिता में भेज सकते हैं।

3.लघुकथा पर अपनी टिप्पणी न्यूनतम 200(अधिकतम की कोई सीमा नहीं है) शब्दों में दें।

कथा के सकारात्मक पक्षों के अतिरिक्त त्रुटियों और  आलोचनात्मक पक्षों पर भी प्रतिभागियों की नज़र जाय, यह अपेक्षा जरूर है। केवल प्रशंसा हेतु यह प्रतियोगिता कतई नहीं है। और केवल कथा की कमियों और त्रुटियों पर भी केंद्रित रहना उचित नहीं है।

4. भाषायी शुद्धता का ध्यान रखें। रचना भेजने से पहले अशुद्धियों को ठीक कर लें। पोस्ट करने के बाद संपादित (एडिट) करना अमान्य होगा।

5. कृपया रचना के शीर्ष में #साहित्य_संवेद_लघुकथा_प्रतियोगिता_सितम्बर_2021 अवश्य अंकित करें।

6. रचनाएं साहित्य संवेद में ही  29 सितम्बर 2021 सुबह 7 बजे से 30सितम्बर

रात 11 बजे तक(भारतीय समयानुसार) पोस्ट करें।

प्रथम तीन प्रविष्टियों को पुरस्कार स्वरूप पुस्तक प्रदान की जाएगी।

* प्रथम पुरस्कार - हिंदी लघुकथा:मर्म की तलाश(सम्पादक:मिथिलेश दीक्षित)+ Chandresh Kumar Chhatlani रचित लघुकथा संग्रह 'बदलते हुए'

*द्वितीय पुरस्कार -लघुकथा:प्रासंगिकता एवं प्रयोजन(सम्पादक:मिथिलेश दीक्षित)

*तृतीय पुरस्कार -लघुकथा:प्रासंगिकता एवं प्रयोजन(सम्पादक:मिथिलेश दीक्षित)

आप सबसे विनम्र निवेदन है कि अपने साथियों की प्रविष्टियों पर अपनी बहुमूल्य  टिप्पणी भी अवश्य दें। एडमिनगण पुरस्कार से पृथक रहकर प्रतियोगिता का हिस्सा बन सकते हैं।

■यह प्रतियोगिता सामान्य से भिन्न है तो वरिष्ठजनों से भी भागीदारी की स्वाभविक अपेक्षा रहेगी।

■■अगर कोई लेखक चाहते हैं कि उनकी रचनाओं पर कोई आलोचनात्मक टिप्पणी न दें तो कमेंट बॉक्स में अथवा इनबॉक्स में सूचित कर सकते हैं।

■■■मित्रों से आग्रह है कि इस सूचना को अपने वाल पर स्थान दें ताकि अधिकाधिक लघुकथाकार इसमें सम्मिलित हो सकें।

■■■■सुझाव का भी स्वागत है।

सधन्यवाद,

दिव्या राकेश शर्मा Vandana Gupta Archana Rai स्वाति कमल उपाध्याय Shobhit Gupta और मृणाल आशुतोष

 





Source:

https://www.facebook.com/groups/437133820382776/?multi_permalinks=1013122789450540&notif_id=1630845272595108&notif_t=feedback_reaction_generic_tagged&ref=notif


सोमवार, 6 सितंबर 2021

‘स्वर्ण जयंती लघुकथाएँ’ | वाचन: श्री उमेश महादोषी | श्री भगीरथ परिहार की ‘दर्द का धुआँ हो जाना’ तथा श्री कुमार गौरव की लघुकथा ‘निष्ठुर’


 

हिन्दी की चुनिन्दा लघुकथाएँ, खण्ड-1

 मधुदीप गुप्ता जी की फेसबुक वॉल से।


योजना: हिन्दी की चुनिन्दा लघुकथाएँ, खण्ड-1


इस योजना के अन्तर्गत हिन्दी की श्रेष्ठ चुनिन्दा लघुकथाओं के 3 या 5 खण्ड सम्पादित करने का विचार है । प्रत्येक खण्ड में 200 लघुकथाएँ शामिल की जायेंगी। एक लघुकथाकार की एक खण्ड में एक ही लघुकथा शामिल की जायेगी । दूसरे खण्ड में उसी लघुकथाकार की अन्य लघुकथा भी ली जा सकती है ।

जो लघुकथाकार इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं वे अपनी 5 चुनिन्दा लघुकथाएँ मुझे नीचे लिखे पते पर भेज सकते हैं । रचना का अप्रकाशित होना आवश्यक कतई नहीं है । कोई भी साथी अपनी रचना अस्वीकृत होने पर नाराज न हो, इसमें सम्पादक का अपना विवेक ही अन्तिम निर्णय करेगा ।

प्रकाशित संकलन की प्रति मैं लघुकथाकार को लेखकीय प्रति के रूप में नि:शुल्क नहीं दे सकूँगा । यह संकलन नेट पर नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जायेगा जैसाकि पड़ाव और पड़ताल के सभी 31 खण्ड करवाये जा चुके हैं । यदि शामिल लघुकथाकारों का पुस्तक लेने का आग्रह ही हुआ तो वह उन्हें उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने का प्रयास रहेगा ।

लघुकथाएँ भेजते समय प्रकाशन के लिए अपनी सहमति, मौलिकता विषयक अपना कथन भी भेजना होगा ।

लघुकथाएँ हार्ड कॉपी में रजिस्टर्ड डाक या कोरीयर से भेजें , सॉफ्ट कॉपी में मेल से नहीं । अन्तिम तिथि 30 सितम्बर है ।

कोई भी अन्य जानकारी इसी पोस्ट पर लिखकर प्राप्त की जा सकती है ।

पता ---

मधुदीप, ( दिशा प्रकाशन ),

138/16, ओंकारनगर-बी, त्रिनगर,

दिल्ली-110035

मोबाइल  8130070928

यह शृंखला शकुन्तदीप की स्मृति को समर्पित रहेगी ।