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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

लघुकथा वीडियो : चूहे | दीपक मशाल |



चूहे आजकल थोड़े निर्भीक हो चले थे। ऐसा तो ना था कि आगे पीछे के 10 मोहल्लों की बिल्लियों ने मांसाहार छोड़ दिया था। कारण था कि चूहे बिल्ली के इस खेल में आजकल बाजी चूहों के हाथ में थी। चूहे इतने चतुर और सक्रिय हो गए थे कि आसानी से बिल्लियों के हाथ ना आते। अब दूध मलाई इतने महंगे हो रखे थे कि इंसानों को ही नसीब ना थे तो बिल्लियों को कहां से मिलते।

नतीजा यह हुआ कि बिल्लियां मरि‍गिल्‍ली हो गईं। इन हालात से उबरने के लिए किसी विशेषज्ञ वास्तुशास्त्री किराए पर बिल्लियों ने विंड-चाइम बांध लिए। वैसे बांधा तो घर पर था लेकिन खुद की नज़र में कुछ ज्यादा चतुर बिल्लियाेें ने तुरंत फायदे की खातिर वो विंड-चाइम घंटियां अपने गले में ही बांध लीं।

- दीपक मशाल

बुधवार, 3 अप्रैल 2019

लघुकथा वीडियो : नालायक | महेश शर्मा


बीजेन्द्र जैमिनी के सम्पादन में मां पर लघुकथा संकलन



श्री बीजेन्द्र जैमिनी के सम्पादन में मां पर लघुकथा संकलन उनके ब्लॉग पर निम्न कड़ी पर उपलब्ध है:

https://bijendergemini.blogspot.com/2019/03/blog-post_95.html


इस संकलन के संपादकीय में,

"मां के बिना जन्म सम्भव नहीं है। प्रथम गुरु भी मां है। मां जीवन का सत्य है। जिसकी मां नहीं होती है यानि बचपन में बिछडे जाती है कारण कुछ भी हो सकता है। उसका जीवन संधर्ष से भर होता है। 

ऐसे ही जीवन के संधर्ष की लघुकथाओं को पेश किया जा रहा है। अनुभव व संधर्ष सभी के अपने अपने है। इसलिए लघुकथा की विषय वस्तु अलग - अलग होना निश्चित है। भाषा शैली भी अलग अलग होगी। यही स्थिति ही लघुकथा की पहचान होती है। जो लेखक की मौलिक पहचान होती है।"