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रविवार, 3 मार्च 2019

लघुकथा समाचार: अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम


इंदौर: अ.भा.महिला साहित्य समागम कल से | Indore: Akhil Bhartiya mahila Sahitya Samagam held from 4 march

इंदौर: देश में संभवतः पहली बार महिला साहित्यकारों का ‘अखिल भारतीय समागम’ आयोजित किया जा रहा है। इंदौर में 4 व 5 मार्च को जाल सभागृह में होने जा रहे इस आयोजन में देश की कई विख्यात साहित्यकार बतौर अतिथि और वक्ता शामिल होंगी। वहीं प्रदेश और देश के अनेक हिस्सों से समागम में प्रतिभागी के रूप में शामिल होने के लिए लेखिकाएं, कवियत्री, लघुकथाकार, व्यंग्यकार और कहानीकार आ रही हैं। ’वामा साहित्य मंच’ इंदौर और हिंदी न्यूज पोर्टल Ghamasan.com द्वारा इस समागम का आयोजन किया जा रहा है।

आयोजन समिति की चेयरपर्सन श्रीमती पद्मा राजेंद्र, अध्यक्ष श्रीमती शिवानी राठौर और सचिव श्रीमती ज्योति जैन ने बताया कि समागम का उद्घाटन समारोह 4 मार्च की सुबह 10 बजे होगा मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती उषा किरण खान जी, (पटना) रहेंगी। सत्र की अतिथि वक्ता वरिष्ठ साहित्कार श्रीमती कृष्णा अग्निहोत्री होंगी।

पहला साहित्यिक सत्र 4 मार्च को सुबह 11:30 बजे से 1 बजे तक चलेगा जिसमें लघुकथाओं में नारी पात्र के सकारात्मक तेवर विषय पर चर्चा होगी। इसमें बीज वक्तव्य मिथिलेश जी दीक्षित (लखनऊ) का रहेगा। चर्चाकार लता जी अग्रवाल (भोपाल), अनघा जी जोगलेकर (गुरूग्राम) रहेंगी। सहभागियों द्वारा लघुकथा पाठ किया जाएगा।

दूसरा साहित्यिक सत्र 4 मार्च को दोपहर 02:30 बजे से 04 बजे तक चलेगा, जिसमें काव्य अभिव्यक्ति के बदलते प्रतिमान पर चर्चा होगी। बीज वक्तव्य : रति जी सक्सेना (त्रिवेंद्रम) रहेगा। चर्चाकार शोभना जी श्याम (गुरुग्राम), शशि जी पुरवार (पुणे) रहेंगी।

तीसरा साहित्यिक सत्र 4 मार्च शाम 4:30 बजे से 6 बजे तक चलेगा। ​जिसमें साहित्य में आधुनिकता की परिभाषा परिपक्वता या खुलापन विषय पर टॉक शो होगा। अतिथि वक्ता गीता श्री जी (दिल्ली), कुमकुम जी कपूर (अलवर), मीनाक्षी जी जोशी (इंदौर), नीलिमा जी टिक्कू (जयपुर) रहेंगी। संचालन श्रुति जी अग्रवाल (इंदौर) करेंगी। उसके बाद शाम 7:00 बजे से 8:15 तक अक्षर पर्व का आयोजन होगा।

5 मार्च को पहला साहित्यिक सत्र सुबह 10:00 बजे से 11:30 बजे तक चलेगा, जिसमें आंचलिक भाषाओं का स्वर माधुर्य ठेठपन व विलुप्त हो रहे लोकोक्तियां, कहावतें व मुहावरे पर चर्चा होगी। बीज वक्तव्य सरला जी शर्मा (दुर्ग) रखेंगी। चर्चाकार रचना जी निगम (बड़ौदा), सु​रभि जी बेहेरा (भुवनेश्वर) रहेंगी।

5 मार्च को समापन सत्र दोपहर 11:30 बजे से 01:00 बजे होगा। इसमें विषय होगा बेटियों की कलम में बसी पिता की साहित्यिक विरासत। मुख्य अतिथि सुधा जी अरोड़ा (मुंबई) रहेंगी सत्र अध्यक्षता अचला जी नागर (मुंबई) करेंगी। अतिथि वक्ता नेहा जी शरद (मुंबई) और निर्मला जी भुराड़िया (इंदौर) होंंगी। इसी सत्र में देवास की ऋचा कर्पे को देवी​अहिल्या शक्ति सम्मान दिया जाएगा।


Source:
https://ghamasan.com/indore-akhil-bhartiya-mahila-sahitya-samagam-held-in-indore/

शुक्रवार, 1 मार्च 2019

सोमवार, 25 फ़रवरी 2019

ईबुक - लघुकथा संग्रह - मैं सृष्टि हूं - लीला तिवानी



लघुकथा: शक : डॉ.सरला सिंह


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नेहा कॉलेज से घर आकर अपना बैग रखकर जैसे ही घूमती है, उसे ऐसा लगा उसके पिता की क्रोध से धधकती आँखें मानों उसे खा ही जायेंगी। वह कुछ समझ पाती कि चटाक-चटाक दो चाँटे उसके गाल पर पड़ गये। वह बदहवास सी खड़ी रह गयी।

शोर सुनकर माँ दौड़ी हुई वहाँ आयी,"अरे क्या हुआ,पागल तो नहीं हो गये हो! लड़की पढ़कर आ रही है और तुम उसे मारने लगे।"

"इसका दुपट्टा देखो, नया है, इसको कहाँ से मिला? जरूर किसी ने इसे ...।" पिता  अपने  शक की आग में झुलसे जा रहे थे।

"चुप रहो! मेरी लड़की ऐसी नहीं है, ना ही कभी होगी। मेरे खानदान में ऐसा कभी नहीं हुआ है।" नेहा की माँ उसके पिता को झिड़कते हुए बोली। 

"माँ मुझे ये दुपट्टा मेरी सहेली ने दिया है। चाहे तो उससे पूछ लो, उसके पास यह फालतू था और उसने मुझे दे दिया।" नेहा ने सारी बात माँ को बता दी। 

लेकिन फिर भी घर में पूरे दिन कलह जारी रहा। दूसरे दिन नेहा ने वह दुपट्टा अपनी सहेली को वापस कर दिया और वही पुराना सिला हुआ दुपट्टा ओढ़कर जाने लगी।

डॉ.सरला सिंह
दिल्ली