यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 25 नवंबर 2021

लघुकथा | ज़हर आदमी का | अनिल गुप्ता


ज़हर आदमी का 


साँप के बिल में मातम पसरा हुआ था। 

दूर-दूर के जंगलों से उसके रिश्तेदार यानि नाग नागिन, उसके पास सांत्वना देने आए हुए थे। 

उनमें से एक ने पूछा कि "यह कोबरा मरा कैसे?"

डरते-डरते उन्ही में से एक ने उत्तर दिया, "इसने शहर जाकर एक आदमी को काट लिया था।"

-0-


अनिल गुप्ता

कोतवाली रोड़ उज्जैन

2 टिप्‍पणियां: