गुरुजनों व वरिष्ठजनों के आशीर्वाद व सभी सम्बन्धी-मित्रों के स्नेह के फलस्वरूप राजस्थान साहित्य अकादमी के आर्थिक सहयोग से मेरा लघुकथा संग्रह "हाल-ए-वक्त" प्रकाशित हुआ।
कुछ दिनों पूर्व अकादमी में वांछित प्रतियां भी जमा हो गईं।
संग्रह में भूमिका प्रो. (कर्नल) एस.एस. सारंगदेवोत (माननीय कुलपति, राजस्थान विद्यापीठ) व फ्लैप मेटर श्री त्रिलोक सिंह ठकुरेला (वरिष्ठ साहित्यकार) द्वारा लिखा गया है। आप दोनों का विशेष आभार।
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जवाब देंहटाएंbadhai
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