श्री Yograj Prabhakar सर की फेसबुक वॉल से
आदरणीय साथियो
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‘लघुकथा कलश’ का पांचवां अंक (जनवरी-जून 2020) ‘राष्ट्रीय एकता महाविशेषांक’ होगा जिस हेतु रचनाएँ आमंत्रित हैं. रचनाकारों से अनुरोध है कि वे प्रदत्त विषय पर अपनी 3 चुनिन्दा लघुकथाएँ प्रेषित करें. लघुकथा के इलावा शोधात्मक आलेख व साक्षात्कार आदि का भी स्वागत है.
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- केवल ई-मेल द्वारा भेजी गई टंकित रचनाएँ ही स्वीकार्य होंगी.
- रचनाएँ केवल यूनिकोड/मंगल फॉण्ट में ही टंकित करके भेजें.
- पीडीएफ़ अथवा चित्र रूप में भेजी गई रचनाओं पर विचार नहीं किया
जाएगा.
- अप्रकाशित/अप्रसारित रचनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.
- सोशल मीडिया/ब्लॉग/वेबसाईट पर आ चुकी रचनाएँ प्रकाशित मानी
जाएँगी.
- रचना के अंत में उसके मौलिक/अप्रकाशित होने सम्बन्धी अवश्य लिखें.
- रचना के अंत में अपना पूरा डाक पता (पिनकोड/फ़ोन नम्बर सहित)
अवश्य लिखे.
- जो साथी पहली बार रचना भेज रहे हैं वे रचना के साथ अपना छायाचित्र
भी अवश्य मेल करे.
- रचनाएँ भेजने की अंतिम तिथि 15 नवम्बर 2019 है.
- रचनाएँ yrprabhakar@gmail.com पर भेजी जा सकती हैं.
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विनीत
योगराज प्रभाकर
संपादक: लघुकथा कलश.
दिनांक: 16 अक्टूबर 2019
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (17-10-2019) को "सबका अटल सुहाग" (चर्चा अंक- 3492) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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अटल सुहाग के पर्व करवा चौथ की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत-बहुत आभार आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी सर।
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