शनिवार, 19 नवंबर 2022

लघुकथा में साक्षात्कार शैली का एक प्रयोग | डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

एक मिश्रित शैली की लघुकथा को साक्षात्कार शैली में भी ढाला जा सकता है. एक उदाहरण का प्रयास किया है. यह एक साक्षात्कार और विवरण शैली की मिश्रित लघुकथा है, जो लघुकथा कलश के अंक 10 में प्रकाशित हुई थी:


प्रश्नशून्य काल/चंद्रेश कुमार छतलानी


"जब आप मुख्यमंत्री थे, तब तो आपने राज्य के विकास के लिए कुछ नहीं किया और अब विकास के यही सवाल आप वर्तमान सरकार से क्यों पूछ रहे हैं?" एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू में सवाल दागा गया।
पूर्व मुख्यमंत्री मुस्कुराने लगे।
यह देख प्रश्नकर्ता का हौसला और बढ़ गया और तेज़ आवाज़ में उसने फिर पूछा, "चुप क्यों हैं सर? बताइए कि आपकी सरकार ने क्या किया था?"
पूर्व मुख्यमंत्री के चेहरे की मुस्कुराहट और गहरी हो गई।
अब तो प्रश्नकर्ता चीख ही उठा, "मेरे सवाल का जवाब नहीं है ना आपके पास, कि आपने राज्य के विकास के लिए कुछ क्यों नहीं किया?"
"क्योंकि जब मैं मुख्यमंत्री था, तब किसी भी मीडिया ने मुझसे प्रश्न नहीं किए।"
उत्तर देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री का चेहरा गंभीर हो गया। एक क्षण की खामोशी के बाद वे फिर बोले,
"काश! आप सरकारों से भी प्रश्न पूछते।"
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इस लघुकथा को हम साक्षात्कार शैली में कुछ इस प्रकार से ढाल सकते हैं:


प्रश्नशून्य काल/चंद्रेश कुमार छतलानी

प्रश्नकर्ता: "जब आप मुख्यमंत्री थे, तब तो आपने राज्य के विकास के लिए कुछ नहीं किया और अब विकास के यही सवाल आप वर्तमान सरकार से क्यों पूछ रहे हैं?"

पूर्व मुख्यमंत्री: ...(खामोश) मुस्कराहट।

प्रश्नकर्ता तेज़ आवाज़ में: "चुप क्यों हैं सर? बताइए कि आपकी सरकार ने क्या किया था?"

पूर्व मुख्यमंत्री: ...(खामोश) गहरी मुस्कराहट।

प्रश्नकर्ता चीखते हुए: "मेरे सवाल का जवाब नहीं है ना आपके पास, कि आपने राज्य के विकास के लिए कुछ क्यों नहीं किया?"

पूर्व मुख्यमंत्री: "क्योंकि जब मैं मुख्यमंत्री था, तब किसी भी मीडिया ने मुझसे प्रश्न नहीं किए।"

एक क्षण की खामोशी।

पूर्व मुख्यमंत्री: "काश! आप सरकारों से भी प्रश्न पूछते।"

खामोशी।
-0-

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(इसमें कोई सुधार लगे तो कृपया चर्चा ज़रूर करें,)
सादर,

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

9 टिप्‍पणियां:

  1. साक्षात्कार शैली और मिश्रित शैली कोई विशेष अंतर तो नहीं है , एक प्रश्न है कि किस शैली की लघुकथा को श्रेष्ठ माना जा सकता है ।

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    1. बढ़िया प्रश्न है। मेरे अनुसार शैली का चुनाव कथानक के आधार पर करना चाहिए। जिस शैली में कथा स्पष्ट और प्रभावी उभर पाए, वही शैली(शैलियां) श्रेष्ठ।

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  2. साक्षात्कार शैली एकांकी से मिलती जुलती है

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  3. बहुत सुंदर उदाहरण से शैलियों का अंतर समझाया गया है सर,धन्यवाद🙏

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  4. मिश्रित शैली से क्या अभिप्राय है ,मिश्रित शैली में कौन सी शैलियां आ सकती हैं

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  5. आदाब। बहुत बढ़िया प्रयोग और उदाहरण। जानना चाहता हूँ कि: 1- साक्षात्कार शैली वाले संस्करण में /ख़ामोश/ख़ामोशी.../ वाले सभीशब्दों/वाक्यांश को कोष्ठक में टंकित क्यों नहीं कर सकते? जैसे : (ख़ामोश रहते हुए मुस्कुराहट/गहरी मुस्कुराहट..) 2- यह साक्षात्कार शैली का उदाहरण क्या एकांकी शैली से मेल नहीं खा रहा? फ़िर न दोनों शैलियों में क्या अंतर है; पाठक या समीक्षक उसे इन दोनों शैलियों में से किस शैली में क्यों मानेंगे? - शेख़ शहज़ाद उस्मानी, शिवपुरी (मध्यप्रदेश) यूट्यूब चैनल - लेखकवाणी: शेख़ शहज़ाद उस्मानी

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  6. आदाब। बहुत बढ़िया प्रयोग और उदाहरण। जानना चाहता हूँ कि:

    1- साक्षात्कार शैली वाले संस्करण में */ख़ामोश/ख़ामोशी.../ वाले सभी शब्दों अथवा वाक्यांश* को कोष्ठक में टंकित क्यों नहीं कर सकते? जैसे : *(ख़ामोश रहते हुए मुस्कुराहट/गहरी मुस्कुराहट..)*

    2- यह साक्षात्कार शैली का उदाहरण क्या एकांकी शैली से मेल नहीं खा रहा? फ़िर इन दोनों शैलियों में क्या अंतर है? पाठक या समीक्षक उसे इन दोनों शैलियों में से किस शैली में और क्यों मानेंगे?

    - शेख़ शहज़ाद उस्मानी,
    शिवपुरी (मध्यप्रदेश)
    यूट्यूब चैनल्स :
    लेखकवाणी: शेख़ शहज़ाद उस्मानी
    Sheikh's Language and Literature Zone

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    1. नमस्कार सर

      आपकी पहली बात पर ज़रूर काम कीजिए। मुझे उसमें कोई गुरेज दिखाई नहीं देती। मैंने सिर्फ प्रश्न उत्तर के सीक्वेंस के अनुसार इसे लिया था। आप बिल्कुल लीजिए। यह भी एक प्रयोग ही है।

      दूसरी बात में सर, साक्षात्कार में (ज़्यादातर) प्रश्न-उत्तर होते हैं। यह सीमा एकांकी में नहीं होती। यह तो किसी नाटक का एक अंग (एक समय की घटना या एक कृत्य) है।

      तीसरी बात सर (मेरी तरफ से),
      आप और भी प्रयोग कर सकते हैं। दो नवीन शैलियों को एक ही रचना में एक साथ लेकर। 😊

      सादर,

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