साहित्य की दुनिया में जाना-पहचाना नाम लीला तिवानी जी का है. हिंदी में एम.ए., एम.एड. कर वे कई वर्षों तक हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड हुई हैं। उनके दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत हुए हैं। वे हिंदी-सिंधी भाषा में विभिन्न विधाओं में लेखन करती हैं तथा अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी जी लघुकथाएं भी लिखती हैं और उन्होंने लगभग 900 लघुकथाएं लिखी हैं. उनके 16 लघुकथा संग्रहों में से कुछ की ई-पुस्तकें भी बनी हुई हैं. ये पुस्तकें उन्होंने लघुकथा दुनिया के पाठकों के लिए उपलब्ध करवाने की सहज ही स्वीकृति प्रदान की है.
लीला तिवानी जी के लघुकथा संग्रहों की ये ई-पुस्तकें निम्नानुसार हैं:
मैं सृष्टि हूं
https://issuu.com/shiprajan/docs/_e0_a4_b2_e0_a4_98_e0_a5_81_e0_a4_9
रश्मियों का राग दरबारी
https://issuu.com/shiprajan/docs/_e0_a4_b2_e0_a4_98_e0_a5_81_e0_a4_9_d121c67e0a26b9
रिश्तों की सहेज
https://issuu.com/shiprajan/docs/rishton_ki_sahej
उत्सव
https://issuu.com/shiprajan/docs/utsav
इतिहास का दोहरान
https://issuu.com/shiprajan/docs/itihas_ka_dohran
लीला तिवानी जी की छतरी वाली लड़की , बहकावे की हद, अंतिम चेतावनी आदि अनेक लघुकथाएं सोशल मीडिया पर बहुचर्चित और विजेता रही हैं. लीला तिवानी जी को हमारी अनंत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत वधाई हो जी .
जवाब देंहटाएंgurmail bhamra जी, ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन.
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