एक महान राजा के राज्य में एक भिखारीनुमा आदमी सड़क पर मरा पाया गया। बात राजा तक पहुंची तो उसने इस घटना को बहुत गम्भीर मानते हुए पूरी जांच कराए जाने का हुक्म दिया।
सबसे बड़े मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई जिसने गहन जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश की। राजा ने उस लंबी-चौड़ी रिपोर्ट को देखा और आंखें छोटी कर संजीदा स्वर में कहा, "एक लाइन में बताओ कि वह क्यों मरा?"
सबसे बड़े मंत्री ने अत्यंत विनम्र शब्दों में उत्तर दिया, "हुज़ूर, क्योंकि वह भूखा था।"
सुनते ही राजा की आंखें चौड़ी हो गईं और उसने आंखे तरेर कर मंत्री को देखते हुए कहा, "मतलब... मेरे... राज्य में... कोई... भू...खाथा।" यह कहते समय राजा हर शब्द के बाद एक क्षण रुक कर फिर दूसरा शब्द कह रहा था।
मंत्री तुरंत समझ गया और बिना समय गंवाए उसने उत्तर दिया, "जी हुज़ूर। वह 'भू... खाता'। इसलिए मर गया। यही सच है कि उसने भू ज़्यादा खा लिया था।"
रिपोर्ट में उस अनुसार बदलाव कर दिया गया और उस राज्य में 'भू' नामक एक नए पकवान का अविष्कार हो गया, जो काजू-बादाम और शुद्ध घी से बनाया जाता था।
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जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 24 जून 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अति उत्तम ।
जवाब देंहटाएंभू खा था
जवाब देंहटाएंसादर
शानदार सटीक व्यंग्य।
जवाब देंहटाएंबढ़िया व्यंग्य
जवाब देंहटाएंबहुत दिन बाद, एक और व्यक्ति ऐसे ही मरा हुआ पाया गया। इस बार, मंत्री ने कोई जांच नहीं की। क्यूंकि मरे हुए व्यक्ति के लक्षण बिल्कुल पहले वाले व्यक्ति के जैसे थे। फिर एक और बार, और एक और बार। अंतत: यह कानून बना दिया गया, कि कुछ व्यक्ति भू अधिक खा लेने से मार जाते हैं। इस प्रकार, मंत्री ने अपने बाड़ आने वाले मंत्रियों और राजाओं का काम सहज कर दिया।
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