रविवार, 5 अप्रैल 2020

लघुकथा वीडियो: अति का अंत । लेखक: 'नरेंद्र' नोहर सिंह ध्रुव । स्वर: डॉ. चन्द्रेश कुमार छतलानी



परलोक में सृष्टि के रचयिता, मनुष्यों के कृत्यों से काफ़ी परेशान थे।

रचयिता,पहले ही भू-लोक में महान हस्तियों के रूप में अवतरित होकर मनुष्यों को सही राह पर चलने की शिक्षा दे चुके थे, पर उन्हें निराशा ही हाथ लगी ।

उन्होंने अपने शिल्पकार को बुला कर कहा, " मनुष्यों ने अब बहुत अति कर ली है, जल्द ही इनके अति का अंत करना होगा। "

" पर मनुष्य तो आपको सबसे प्रिय हैं ना, फिर उनको..? ", शिल्पकार ने पूछा।

उसे उत्तर मिला,
" प्रिय तो मुझे वो जीव भी थे जिन्हें मनुष्य डायनासोर कहते हैं...।"

- 'नरेंद्र' नोहर सिंह ध्रुव


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