सोमवार, 12 अगस्त 2019

लघुकथा समाचार : बुनावट व घनीभूत कसाव की वजह से नई पीढ़ी में लोकप्रिय हो रही लघुकथा

सिटी रिपाेर्टर | पटना सिटी | दैनिक भास्कर 

कथाकार व उपन्यासकार डाॅ. संतोष दीक्षित का मानना है कि लघुकथा एक ऐसी विधा है, जो अत्यधिक संतुलन और सजगता की मांग करती है। एक अच्छी लघुकथा लिखना आसान काम नहीं है। सबसे बड़ी समस्या विषय के चयन की होती है। वे रविवार को बिहार हितैषी पुस्तकालय सभागार में अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच व स्वरांजलि की ओर से आयोजित वार्षिक पत्रिका संरचना के 11वंे अंक के लोकार्पण के दौरान संबोधित कर रहे थे। 

पत्रिका के अंक का लोकार्पण दूरदर्शन पटना के कार्यक्रम प्रमुख डाॅ. राजकुमार नाहर, डाॅ. संतोष दीक्षित, लघुकथा मंच के अध्यक्ष डाॅ. सतीश राज पुष्करण, डाॅ. भोला पासवान, डाॅ. अनीता राकेश, डाॅ. ध्रुव कुमार ने किया। डाॅ. ध्रुव कुमार ने कहा कि लघुकथा बुनावट व घनीभूत कसाव की वजह से नई पीढ़ी में लोकप्रिय हो रही है। संचालन संयोजक अनिल रश्मि व धन्यवाद ज्ञापन आलोक चोपड़ा ने किया। संरचना में प्रकाशित एक दर्जन से अधिक लघुकथाओं का पाठ भी हुआ। मौके पर विभा रानी श्रीवास्तव, वीरेंद्र भारद्वाज, पुष्पा जमुआर, प्रभात धवन, विवेक कुमार, संजय कुमार, ज्योति मिश्र, रानी कुमारी आदि ने विचार रखे। पुस्तक में बिहार से जुड़े दर्जनों लघु कथाकारों की रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। 

Source:
https://www.bhaskar.com/bihar/patna/news/short-story-becoming-popular-in-new-generation-due-to-texture-and-condensation-tightness-094005-5227095.html

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