लघुकथा दुनिया (Laghukatha Duniya)
लघुकथाओं पर आधारित ब्लॉग
रविवार, 6 मई 2018
जानवरीयत (लघुकथा)
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वृद्धाश्रम के दरवाज़े से बाहर निकलते ही उसे किसी कमी का अहसास हुआ, उसने दोनों हाथों से अपने चेहरे को टटोला और फिर पीछे पलट कर खोजी आँखों से ...
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रविवार, 15 अप्रैल 2018
छुआछूत (लघुकथा)
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'अ' पहली बार अपने दोस्त 'ब' के घर गया, वहां देखकर उसने कहा, "तुम्हारा घर कितना शानदार है - साफ और चमकदार" ...
मंगलवार, 6 मार्च 2018
पुस्तक समीक्षा: देश-विदेश से कथाएं - संपादन : अशोक भाटिया
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देश-विदेश से कथाएं : गिने-चुने शब्दों में दीन-दुनिया की अनगिनत बातें अगर आपके पास वक्त की कमी है, लेकिन कुछ अच्छा साहित्य पढ़ना चाहते हैं ...
शनिवार, 10 फ़रवरी 2018
मैं पानी हूँ (लघुकथा)
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"क्या... समझ रखा है... मुझे? मर्द हूँ... इसलिए नीट पीता हूँ... मरद हूँ... मुरद...आ" ऐसे ही बड़बड़ाते हुए वह सो गया. रोज़ की तरह ही ...
मंगलवार, 6 फ़रवरी 2018
शह की संतान (लघुकथा)
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तेज़ चाल से चलते हुए काउंसलर और डॉक्टर दोनों ही लगभग एक साथ बाल सुधारगृह के कमरे में पहुंचे। वहां एक कोने में अकेला खड़ा वह लड़का दीवार थाम...
बुधवार, 20 दिसंबर 2017
वैध बूचड़खाना (लघुकथा)
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सड़क पर एक लड़के को रोटी हाथ में लेकर आते देख अलग-अलग तरफ खड़ीं वे दोनों उसकी तरफ भागीं। दोनों ही समझ रही थीं कि भोजन उनके लिए आया है। कम उम्...
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रविवार, 10 दिसंबर 2017
विरोध का सच (लघुकथा)
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"अंग्रेजी नववर्ष नहीं मनेगा....देश का धर्म नहीं बदलेगा..." जुलूस पूरे जोश में था। देखते ही मालूम हो रहा था कि उनका उद्देश्य देशप्...
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